PCC में मंत्रियों का जनता दरबार फिर हुआ स्थगित, लंबे समय से लगातार नहीं हो पा रही जनसुनवाई
12 जुलाई को मंत्री बीड़ी कल्ला और सुखराम विश्नोई को जनसुनवाई करनी थी और 13 जुलाई को महेंद्रजीत सिंह मालवीय और राजेंद्र गुढ़ा को जनसुनवाई करनी थी लेकिन दोनों दिन जनसुनवाई के कार्यक्रम स्थगित कर दिए हैं.
Jaipur: प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में होने वाली आज और कल की जन सुनवाई मंत्रियों के दिल्ली दौरे के चलते एक बार फिर से स्थगित हो गयी है. अब अगली जन सुनवाई 19 जुलाई को होगी. प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में 12 और 13 जुलाई को जनसुनवाई का कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया है.
12 जुलाई को मंत्री बीड़ी कल्ला और सुखराम विश्नोई को जनसुनवाई करनी थी और 13 जुलाई को महेंद्रजीत सिंह मालवीय और राजेंद्र गुढ़ा को जनसुनवाई करनी थी लेकिन दोनों दिन जनसुनवाई के कार्यक्रम स्थगित कर दिए हैं. इससे पहले 6 जुलाई को भी प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में जनसुनवाई कार्यक्रम को स्थगित कर दिया गया था.
दरअसल कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ-साथ आम जन की शिकायतों को सुनने और उनका समाधान करने के लिए प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में शुरू किए गया मंत्री दरबार बार-बार जन स्थगित हो रहा है. दो सप्ताह में कांग्रेस ने तीसरी बार जन सुनवाई को स्थगित किया है. जिससे दूर-दराज से अपनी शिकायतें लेकर आने वाले नागरिकों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है. ऐसे में प्रदेश कांग्रेस की ओर पीसीसी मुख्यालय में लगने वाले मंत्री दरबार महज खानापूर्ति बनकर रह गया है.
प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में केवल सोमवार से बुधवार 3 दिन ही जनसुनवाई का कार्यक्रम रखा गया है. पूरे 3 दिन जनसुनवाई के कार्यक्रम नहीं हो पाते हैं, ऐसे में जनसुनवाई कार्यक्रम को लेकर कांग्रेस गलियारों में कई तरह की चर्चाएं चल पड़ी हैं. चर्चाएं यह भी है कि जनसुनवाई कार्यक्रम केवल दिखावे के तौर पर ही किए जा रहे हैं ना तो इसे लेकर मंत्रियों में कोई दिलचस्पी है ना ही सत्ता और संगठन में. इससे पहले जून माह में राज्यसभा चुनाव में मंत्रियों-विधायकों की उदयपुर में बाड़ेबंदी के चलते जनसुनवाई कार्यक्रम को स्थगित कर दिया गया था और उसके बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर ईडी की कार्रवाई के विरोध में भी जनसुनवाई कार्यक्रम स्थगित कर दिए गए थे.
13 जून को पीसीसी मुख्यालय में जनसुनवाई कार्यक्रम को स्थगित करके ईडी की कार्रवाई के विरोध में प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय ने विरोध मार्च निकाला था और ईडी कार्यालय के बाहर धरना दिया था. उसके बाद तमाम मंत्री-विधायक राहुल गांधी के समर्थन में दिल्ली कूच कर गए थे और करीब 1 सप्ताह तक दिल्ली में ही रहे थे. उस दौरान भी जनसुनवाई के कार्यक्रम नहीं हो पाए.
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