Rajasthan Dams: जयपुर पूरे राजस्थान में मानसून छा गया है, लेकिन इसके बावजूद 58 फीसदी बांध बिल्कुल खाली पड़े हैं. प्रमुख बांधों में से कुछ तो ऐसे हैं जिनकी सालों से तस्वीर ही नहीं बदली है. अब ऐसे में जुलाई का आधा और अगस्त के महीने से बांधों में पानी आने की उम्मीद है. आखिर बरसों से किन-किन बांधों की सूरत नहीं बदली है.


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बूंद-बूंद के लिए मोहताज बांध 


मरुधरा के लगभग सभी जिलों में मानसून छा गया है, लेकिन अब भी आधे से ज्यादा बांधों में एक बूंद भी पानी नहीं है. राज्य के 681 में से 405 बांध सूखे हुए हैं. छोटे बड़े सिर्फ 17 बांध ही फुल हैं, बाकी 269 बांध आंशिक रूप से भरे हैं. 22 प्रमुख बांधों में से 6 बांध तो ऐसे हैं जिनकी सालों से किस्मत ही नहीं बदली है. जिसमें डीग का सीकरी बांध, जयपुर का रामगढ़ बांध, दूदू का छापरवाड़ा, जयपुर का कालखसागर, पाली का सरदारसमंद में एक बूंद भी पानी नहीं है. 


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भीलवाड़ा के मेजा बांध में सिर्फ 1 प्रतिशत पानी बचा है. इन बांधों की किस्मत सालों से खराब ही चल रही है. पिछले साल इस समय सभी 691 बांधों में 56 प्रतिशत पानी था, लेकिन इस बार महज 35 प्रतिशत पानी ही बांधों में बचा है. यानि पिछले साल के मुकाबले 21 प्रतिशत पानी कम है.


प्रमुख 14 बांधों की स्थिति खराब


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राजस्थान के 22 प्रमुख बांधों में 14 बांधों की स्थिति बहुत खराब है, जिसमें जयपुर समेत 4 जिलों की लाइफ लाइन कहे जाने वाले बीसलपुर बांध में सिर्फ 30 प्रतिशत पानी बचा है. ऐसे में मानसून की बारिश से पूरी बढ़ रही है, क्योंकि अबकी बार अच्छी बारिश नहीं हुई, तो राजस्थान में जलसंकट की स्थिति पैदा हो सकती है.