Jaipur News: राजस्थान के शिक्षा विभाग की उदासीनता का खामियाजा प्रदेश के विद्यार्थियों को उठाना पड़ रहा है. मुगलों को देश से भागे हुए कई साल बीत जाने के बाद भी आज भी मुगल साम्राज्य को प्रदेश की किताबों में पढ़ाया जा रहा है. 


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जबकि एनसीईआरटी ने नए शैक्षणिक सत्र में मुगल इतिहास और गोधरा कांड सहित अन्य सामग्री को किताबों से हटा दिया है. इसके बावजूद राजस्थान के लाखों विद्यार्थियों को पुरानी किताबों के माध्यम से पढ़ाई करवाई जा रही है. 


बांटी जा रही पुरानी किताबें
विभाग ने पिछले साल छपी हुई करीब पौने दो करोड़ बच्चों को पुरानी किताबें बांटना शुरू कर दिया है, जबकि इस साल राजस्थान राज्य पाठ्यपुस्तक मंडल को नई किताबें छापनी थी, लेकिन विभाग की लापरवाही के चलते प्रदेश के विद्यार्थियों को पुरानी किताबें बांटी जा रही है, जिससे उन्हें आने वाले समय में भारी परेशानी का सामना करना पड़ेगा.  


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3 करोड़ किताबें छापने का ऑर्डर 
विभाग का कहना है कि एनसीईआरटी के तहत नए सिलेबस के अनुसार, मंडल ने 3 करोड़ किताबें छापने का ऑर्डर दे दिया है. जब किताबें छपकर आ जाएंगी, तब विद्यार्थियों को पुरानी किताब की जगह नई किताब बांटना विभाग शुरू कर देगा. 


विद्यार्थियों को दी जाएं नई किताबें 
अब सवाल यह उठता है कि, जब तक नई किताबें छपकर आएंगी तब तक विद्यार्थी पुरानी किताबों में क्या ऐसा ही इतिहास पढ़ता रहेगा. विभाग को चाहिए कि पुरानी किताबें जिन विद्यार्थियों को दी गई है, उनसे वापस ली जाए, और उन्हें नई किताबें देकर विद्यार्थियों की पढ़ाई सुचारू रूप से करवाएं.


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