Rajasthan- पेट्रोल पंप संचालकों की हड़ताल स्थगित, जानें कितने दिनों तक मिलेगी राहत
Rajasthan- प्रदेश में कुछ दिनों से राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के जरिए अनिश्चितकालीन हड़ताल करने के कारण आमजीवन काफी प्रभावित हो रहा था. इसे लेकर शुक्रवार को गहलोत सरकार के मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन से बातचीत कर कुछ दिनों का समय मांगा है.
Rajasthan- सचिवालय में राज्य सरकार और राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के बीच तीसरे दौर की वार्ता के बाद पेट्रोल पंपों की हड़ताल दस दिन के लिए स्थगित की गई है. पेट्रोल पंप संचालकों की हडताल स्थगित होने के बाद आमजन ने राहत की सांस ली है. साथ में सुबह छह बजे से बंद पेट्रोल पंपों से रस्सी और बेरिकेड्स हट जाएंगे. इसी के साथ हर जिले के पेट्रोल पंपों में वाहनों में पेट्रोल-डीजल भरवाने वालों की भीड़ लग गई.
मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास के साथ तीन मांगों पर चर्चा
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास के साथ राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन की तीन मांगों पर चर्चा हुई,जिसमें सबसे पहली प्रमुख मांग राजस्थान में पड़ोसी राज्यों के बराबर वैट किया जाए इस पर मंथन हुआ. इस पर राज्य सरकार ने एक हाईपॉवर कमेटी बनाने के प्रस्ताव पर सहमति दी...ये कमेटी दस दिन में वैट का आकलन, दूसरे राज्यों में वैट कम होने से रेवन्यू पर असर और वहां की पेट्रोल-डीजल की खपत को लेकर अपनी सरकार को रिपोर्ट देगी. इसी के साथ इसमें ये भी आकलन किया जाएगा की राजस्थान में यदि पेट्रोल डीजल पर वैट कम किया जाता है तो इसका असर क्या होगा? राज्य सरकार का वित्तीय प्रबंधन पर कितना असर पड़ेगा.
कौन होंगे कमेटी के सदस्य
इस कमेटी में राज्य सरकार के अधिकारी, ऑयल कंपनियों के प्रतिनिधि और राजस्थान पेट्रोलियम एसोसिएशन के पदाधिकारी रहेंगे.
हनुमानगढ़ में खुलेगा पेपर डिपो
वहीं, दूसरी मांग हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर, बीकानेर, चूरू जहां सबसे ज्यादा महंगा पेट्रोल-डीजल बिकता है. वहां के प्राइस जयपुर के बराबर हो. इसको लेकर भा चर्चा हुई. इसके लिए हनुमानगढ़ जिले में एक पेपर डिपो खोलने पर चर्चा हुई.इसमें तय हुआ की पेपर तेल डिपो खुलने से परिवहनन का खर्चा कम होगा तो पेट्रोल-डीजल भी सस्ता मिलेगा. अभी जयपुर डिपो से पेट्रोल-डीजल सप्लाई होता है तो परिवहन का खर्चा ज्यादा होता हैं. इस मांग पर तय हुआ की एक आईएएस अधिकारी को नियुक्त कर केंद्र सरकार के पेट्रोलियम मंत्रालय से बातचीत कर इसका प्रस्ताव भिजवाया जाएगा.
वहीं पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने के भी चर्चा हुई.इस पर तय हुआ की पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने के लिए राज्य-जीएसटी काउंसिल का राजी होना पड़ेगा.
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