Dudu: प्रदेश की स्टेट हाईवे संख्या 2 पर अगर आप जा रहे हैं, तो सड़कों पर बने गड्ढे आपके स्वागत के लिए तैयार हैं. सीएम सलाहकार बाबूलाल नागर के क्षेत्र दूदू में आलम ऐसा है कि ये समझना मुश्किल हो रहा है कि सड़क पर गड्ढे हैं, या गड्ढों में सड़क. खराब सड़कों की जो तस्वीरें सामने आई हैं, वो झूठ नहीं बोलतीं. कई बार तो राहगीर इन बड़े-बड़े गड्ढों में गिरकर चोटिल भी हो चुके हैं, दूसरी तरफ सड़क पर चलने वाले वाहन इन गड्ढों की वजह से आए दिन खराब होते रहते हैं.


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राजधानी जयपुर से मात्र 50 किमी दूर, दूदू कस्बे से निकलने वाला स्टेट हाइवे जो दर्जनों शहरों,कस्बों और टोंक, नागौर, जिले को जोड़ने वाला रास्ता है, पर कई किलोमीटर तक डामर का नामोनिशान भी नहीं है. सड़क पर गहरे गड्ढे स्टेट हाईवे की सड़क की दास्तान के गवाह है. लोगों को ये तक पता नहीं चलता कि यहां सड़क पर गड्ढे हैं कि गड्ढों की सड़क है दूदू से नरैना की दूरी 13 किलोमीटर है, जहां सफर करने में 1 घंटे का समय लगता है जिससे आम लोग परेशान रहते हैं.


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हालत ये है कि दूदू नरैना स्टेट हाईवे सड़क मार्ग में गहरे गड्ढे और कई किलोमीटर तक डामर तो दिखाई ही नहीं देता है, दिखाई देते हैं तो बड़े-बड़े गड्ढे, जगह-जगह सड़क पर पड़ी कंक्रीट और पीछे उड़ता धूल का गुबार. जिससे वाहन चालकों को भारी परेशानियां उठानी पड़ रही है. इस मार्ग पर यात्रा करना किसी जोखिम से कम नहीं है. 


इस रोड पर सफर के बाद अगर यात्री अपनी यात्रा पूरी कर अपने घर सही सलामत पहुंच जाता है, तो समझे के यात्री की किस्मत अच्छी है, वरना सड़क के हालात भारी वाहनों ,चार पहिया वाहनों से भारी मात्रा में सड़क पर मिट्टी उड़ती है जिसमें हमेशा दुर्घटना होने का अंदेशा बना रहता है, ग्रामीणों ने कई बार जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों से सड़क मार्ग के जर्जर होने की शिकायत की मगर मामला जस का तस नजर आ रहा है. मजबूरन आमजन को तकलीफों से रूबरू होना पड़ रहा है.


मुख्यमंत्री सलाहकार और दूदू के विधायक बाबू लाल नागर के विधानसभा से निकलने वाला ये स्टेट हाईवे संख्या 2, अपने हालात खुद बयां कर रहा है. जर्जर सड़क के हालात इस क़दर खराब है कि अगर ग्रामीण क्षेत्र की गर्भवती महिला को दूदू उप जिला अस्पताल लाया जाए तो शायद प्रसव इन गड्ढों की वजह से रास्ते मे ही हो जाए.


इस हाईवे से जुड़े एक दर्जन से ज्यादा गांव के लोग अपनी रोजमर्रा की जिंदगी के लिए, इसी बदहाल सड़क से गुजरने को मजबूर है, लेकिन यहां के जनप्रतिनिधि तो कार्यक्रम में साफा बंधवाने में व्यस्थ रहते हैं और सावर्जनिक निर्माण विभाग के अधिकारी विकास की प्लानिंग कर खुद को बिजी रखते हैं. 


Reporter- Amit Yadav


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