Jaipur: जयपुर के बाजारों में इन दिनों त्योहारी मिठास घुली हुई है. सिंजारा और तीज पर गुलाबीनगरी फेस्टविल के रंग में रंगी है. जिसका मजा जयपुरवासियों के साथ साथ सैलानी भी इस सुहाने मौसम में मिठाई का आनंद उठा रहे है. 


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 तीज के अवसर पर  घेवर की मांग सबसे अधिक  रहता है. घेवर के लिए प्रसिद्व गुलाबी नगरी में घेवर की बिक्री जोर शोर से हो रही है. पहले घेवर केवल जयपुर की शान हुआ करता था पर आज के समय में यह विदेश में रहने वाले राजस्थानी भी इसको मंगवाने लगे. जिसके कारण विदेशों में रह रहें राजस्थानी लोग जयपुर के अधिकतर स्थापित मिठाई विक्रेता से  घेवर डिलीवरियां मंगवा रहे है.


ये है दाम
बता दें कि, इन दिनों गुलाबी नगरी में जो भी सैलानी आ रहे हैं, वे भी सिंजारा और तीज के परम्परागत स्वाद से रूबरू हो रहे हैं. इस सीजन में सादा घेवर से लेकर मावा और पनीर के घेवर की मांग भी खूब है. घी में बने घेवर की कीमत 700 रुपए से लेकर 1500 रुपए प्रति किलो की है. 


मिठास का वार आम आदमी की जेब पर
पर घेवर के बढ़ते दाम और महंगाई के बढ़ते ग्राफ  के कारण  मिठास का वार आम आदमी की जेब भी खाली कर रहा है. पिछले सीजन के मुकाबले 15 से 20 फीसदी की महंगा हुआ है.इस बारे में  विक्रेताओं का कहना है कि, रबड़ी के घेवर की 24 से 48 घंटे गुणवत्ता बनी रहती है, वहीं चाशनी और फीके घेवर सात से दस दिन तक खराब नहीं होते.


शुगर फ्री या फीके घेवर  भी है पसंद
स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहने वाले या डायबिटीज से पीड़ित लोग अब सामान्य घेवर की जगह शुगर फ्री या फीके घेवर को खरीदना और खाना पसंद कर रहे हैं. शहर में ऐसे लोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. फीके घेवर की मांग भी खरीददारों में है. घेवर की फ्लेवर के अनुसार करीब एक दर्जन वैरायटी बाजार में उपलब्ध हैं. देशी घी में बने घेवर की मांग अधिक है.


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