Pranayama : अक्सर आपने एक बात कई बार सुनी होगी पहला सुख निरोगी काया. अगर आपका स्वास्थ्य ठीक है तो मान लीजिये सब कुछ ठीक है. आज कल की भागदौड़ भरी लाइफ में सेहत का पलड़ा गिरता जा रहा है. ऐसे में आज के समय में शाट को लेकर सजग होना बहुत जरुरी है. कई लोग है जो व्यस्ततम जिंदगी से भी समय निकल कर अपनी  हेल्थ का ख्याल रखते हैं. इन्हीं में से एक है योग व प्राणायाम का अभ्यास करना. पुराने समय से ही प्राणायाम को बेहद ही प्रभावशाली माना गया है. यह शारीरक तौर पर तो रोगों से दूर करती ही है साथ ही मानसिक शांति भी प्रदान करता है.  प्राणायाम करने के कई सारे लाभ है लेकिन कई बार प्राणायाम की पूरी टेक्निक का ज्ञान ना होने के कारण प्राणायाम का पूरा लाभ नहीं मिल पाता है. आज हम आपको उन छोटी छोटी गलतियों के बारे में बताएंगे जो आप प्राणायाम के दौरान करते हैं, जिससे आपको प्राणायाम का पूरा लाभ नहीं मिल पता हैं. 


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आसनों को बदलने की गलती


कई लोग प्रणायाम के दौरान अपने बैठने का तरीका बदलते रहते हैं. जिससे उनका ध्यान बार बार भग होता है. बॉस आसान बदलने से मन और शरीर दोनों ही एकाग्र नहीं रह पाते है. जिससे आप पूरे ध्यान के साथ प्राणायाम नहीं कर पाते हैं. 


जल्दबाजी में प्राणायाम करना


कुछ जोग सिर्फ अपना रूटीन न टूटे इसलिए जल्दबाजी में प्रणायाम करते हैं. जो की पूरी तरह गलत हैं. जल्दबाजी में अगर आप प्राणायाम करते हैं तो, आप अपने आपको को पूरी तरह रिलैक्स नहीं कर पाते हैं और आपको उसका पूरा लाभ नहीं मिलता है. साथ ही जिस मकसद को पूरा करने के लिए आप प्राणायाम कर रहें हैं, वह भी पूरा नहीं हो पाता है.


सांस पर ध्यान ना देना 


जब भी आप प्रणायाम करते है तो अपनी सांसों के प्रवाह पर ध्यान देना बहुत आवश्यक है. क्योंकि मुख्य रूप से यह एक ब्रीथिंग टेक्निक है. आप जब भी प्राणायाम करते है तो आपकी सांसों का आगमन और निगमन होता है जिससे आपकी आंतरिक शुद्धि होती है. ऐसे में सांसों पर फोकस किया जाना जरूरी है जिससे आपको प्राणायाम का पूरा लाभ मिल सकें. 


बार बार आंखें खोलना 


प्राणायाम अक्सर आँखों को बन करके किया जाता है जिससे ध्यान एकाग्र रहें लेकिन, कुछ लोग बार बार प्राणायाम के बीच में आंखें खोलते रहते हैं , जिससे उनका फोकस बार भटकता है. ऐसा करने से प्राणयाम के दौरान मन विचलित होता है और उसका पूरा लाभ नहीं मिल पाता है. 


गलत जगह व पोश्चर 


प्राणायाम के लिए सबसे जरूरी बात है आपके द्वारा किया गया स्थान का चयन और आपका बॉडी पोश्चर.  कई बार लोग बंद कमरे में या फिर किसी शोर-शराबे वाली जगह पर प्राणायाम का अभ्यास करते हैं, जिससे आपको ध्यान केंद्रित करने में परेशानी हो सकती है.  प्राणायाम करते समय आवश्यक है की आप सुखासन, पद्मासन या वज्रासन की मुद्रा में ही बैठे इससे आपको लाभ मिलता है. 


दांतों को मिलाना 


एक बता जिस पर आपका ध्यान बहुत ही कम जा पता है वह है दांतो  की स्थिति. प्राणायाम के समय अपने ऊपर और निचे के दांतो को  ना मिलाये जबकि, आपके दोनों होंठ मिले होने चाहिए. क्योंकि प्रणायाम एक तरह की ध्यान मुद्रा है. इसमें आपकी मुद्रा पर फोकस किया जाता है. 


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