Jaipur: आज विश्व आर्थराइटिस दिवस है. इस बार वर्ल्ड आर्थराइटिस डे जागरूकता के रूप में मनाया जा रहा है, ताकि लोगों को इस बीमारी के बारे में जानकारी मिल सके और समय रहते इस बीमारी का इलाज संभव हो सके. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

चिकित्सकों का कहना है कि पिछले कुछ वर्षों में देश में रूमेटाइड आर्थराइटिस के मरीजों में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिली है. माना जाता है कि बड़ी उम्र के लोगों को ऑर्थराइटिस होता है, लेकिन अब इसके मामले युवाओं में भी देखे जा रहे हैं. 


आंकड़ों की बात करें तो देश में 100 लोगों में से एक व्यक्ति रूमेटाइड आर्थराइटिस का शिकार है, जबकि 200 लोगों में से एक को कमर की गठिया है और 50 लोगों में एक को सीटीडी है. यह महिलाओं में अधिक होती है, जबकि कमर की गठिया पुरुषों में अधिक पाई जाती है. सवाई मानसिंह अस्पताल की वरिष्ठ चिकित्सक डॉ आराधना सिंह का कहना है कि इस बार वर्ल्ड ऑर्थराइटिस डे की थीम 'गठिया इलाज योग्य है' रखी गई है. 


यह एक प्रकार की बीमारी है, जिसे ऑटोइम्यून कंडीशन के रूप में जाना जाता है. विश्व गठिया दिवस के मौके पर रूमेटॉलॉजी एसोसिएशन से जुड़े चिकित्सकों ने लोगों को जागरूक करने के लिए एक टॉक शो का आयोजन किया, जिसमें सभी चिकित्सकों ने गठिया से जुड़े सभी जानकारी दी. 


यह भी पढ़ेंः 


Karwa Chauth 2022: प्रेग्‍नेंट वुमन इस तरह रखें करवा चौथ का व्रत, आपके बेबी पर नहीं आएगी कोई आंच


Karwa Chauth 2022: इस राज्य में विधवा भी रखती हैं करवा चौथ का व्रत, रात में चांद के बाद करती हैं पति का दीदार


हर दुल्हन को बिना शरमाए पर्स में रखनी चाहिए ये चीजें, क्या पता दूल्हा कब भड़क जाए


Karwa Chauth 2022: इस जगह करवा चौथ का व्रत रखने पर पति पर जाती है आफत, सुहागनें नहीं लगाती सिंदूर-बिंदी