Rajasthan News: जैसलमेर में अग्निशमन सेवा सप्ताह के दौरान जैसलमेर वायुसेना स्टेशन में मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया. मॉक ड्रिल में वायुसेना स्टेशन में स्थित फ्यूल डिपो और जंगल में लगी आग को सभी ने मिलकर बुझाने का काम किया. आग की सूचना पर 26 गोला बारूद डिपो, नगर परिषद फायर टीम, वायु सेना स्टेशन की फायर टीम के करीब 20 कर्मचारियों ने मिलकर आग पर काबू पाया. इस दौरान 4 फायर ब्रिगेड ने अपनी क्षमता का परिचय दिया. 


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66 अग्निशमन कर्मचारियों की शहादत 
इस दौरान महिपाल सिंह ने कहा कि आग लगने वाली जगहों पर फायरमैन सिर्फ एक फोन कॉल पर दौड़ पड़ते हैं. दूसरों के हिस्से की तपन को झेलते हुए जनता की रक्षा व सुरक्षा के लिए कृत संकल्पित इस जांबाज फायरमैन दल के लिए अग्निशमन दिवस महज कौशल प्रदर्शन का मंच नहीं है. बल्कि ये स्मृति दिवस है, उन 66 अग्निशमन कर्मचारियों की शहादत का, जिन्होंने जनसेवा करते हुए सहर्ष मृत्यु का वरण किया.


अग्निशमन सेवा दिवस क्यों मनाया जाता है? 
महिपाल सिंह ने बताया कि 14 अप्रैल, 1944 का एक धधकता शुक्रवार था, जब विक्टोरिया डाक बंबई में सेना की विस्फोटक सामग्री से भरा पानी का जहाज लपटों के आगोश में समा गया. आग पर काबू पाने के लिए बंबई फायर सर्विस के एक सैकड़ा अधिकारी व कर्मचारी घटनास्थल पर भेजे गए. अटूट साहस और पराक्रम का प्रदर्शन करते हुए इन जांबाज अग्निशमन कर्मचारियों ने धधकती ज्वाला पर काबू करने का भरसक प्रयत्न किया. आग पर नियंत्रण तो पा लिया गया, लेकिन इस कोशिश में 66 फायरमैन को अपनी जान की आहुति देनी पड़ी. उन्हीं 66 शहीद अग्निशमन कर्मचारियों को श्रद्धांजलि देने के लिए अग्निशमन सेवा दिवस मनाया जाता है. 


सप्ताह भर होंगे आयोजन
इस दिवस के विभिन्न आयोजन पूरे सप्ताह भर चलते हैं. सप्ताह के दौरान फायर ब्रिगेड द्वारा विभिन्न कारखानों, शैक्षणिक संस्थाओं, ऑयल डिपो आदि जगहों पर आग से बचाव संबंधी प्रशिक्षण दिया जाता है. अग्निशमन सप्ताह के तहत नागरिकों को आग से बचाव तथा सावधानी बरतने के संबंध में जागृत करने के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते है. इसका उद्देश्य अग्निकांड से होने वाली क्षति के प्रति नागरिकों को जागरूक करना होता है. 


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