झालावाड़: झालावाड़ के जिला कारागृह में बन्द स्थाई वारंटी कैदी की शुक्रवार तड़के जिला अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई. अस्पताल चौकी प्रभारी महेंद्र मीणा के अनुसार बंदी को पिछली 4 सितंबर को इलाज के लिए जिला कारागृह से अस्पताल में भर्ती करवाया गया था.


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 अस्पताल में उपचार के लिए लाया गया


वहीं मामले की जानकारी देते हुए जिला कारागृह के जेलर शंकर लाल ने बताया कि 33 वर्ष पुराने वन विभाग के कर्मचारियों के साथ मारपीट के प्रकरण में बन्द 65 वर्षीय कोटड़ा निवासी लक्ष्मण को जेल में आचानक तबीयत बिगड़ने के 4 सितंबर को जिला अस्पताल में उपचार के लिए लाया गया था.



जहां उपचार के दौरान कैदी की मौत हो गई. फिलहाल मृतक के शव को मोर्चरी में रखवाया गया है तथा परिजनों को सूचना दे दी गई है. परिजनों के पहुंचने पर मृतक का पोस्टमार्टम करवाकर आगे की कार्रवाई की जाएगी. वहीं इस दौरान मोर्चरी में पहुंचे मृतक के  मृतक के बड़े भाई प्रहलाद ने पुलिस प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि मृतक लक्ष्मण सामाजिक व्यक्ति था.


पुलिस प्रशासन ने उसे भगोड़ा घोषित कर दिया. आज 30 सालों बाद मृतक की फाइल खोली गई है. ऐसे में पुलिस की गलती की सजा आम जनता को भुगतनी पड़ रही है. इस दौरान उन्होंने जेल प्रशासन पर भी गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पिछले दिनों मृतक लक्ष्मण से मिलने गांव का कोई व्यक्ति पहुंचा था. उस दौरान मृतक के द्वारा जेल के अंदर उसके साथ मारपीट करने तथा मिलने के लिए पैसा लेने का आरोप जेल प्रशासन पर लगाया गया था.


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