Jhunjhunu Crime News: जयपुर में फर्जी ऑर्गन ट्रांसप्लांट का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि झुंझुनूं में भी एक किडनी कांड हो गया है.जानकारी के अनुसार झुंझुनूं जिले के नूआं गांव की 30 वर्षीय महिला ईद बानो को पथरी की शिकायत थी.
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Jhunjhunu Crime News:झुंझुनूं से इस वक्त की बड़ी खबर मिल रही है. जयपुर में फर्जी ऑर्गन ट्रांसप्लांट का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि झुंझुनूं में भी एक किडनी कांड हो गया है. पथरी का ईलाज करवाने गई महिला की एक किडनी खराब बताकर उसकी दूसरी सही किडनी निकालने का सनसनीखेज मामला सामने आया है.
जानकारी के अनुसार झुंझुनूं जिले के नूआं गांव की 30 वर्षीय महिला ईद बानो को पथरी की शिकायत थी. जिस पर ईलाज करवाने के लिए वह झुंझुनूं जिला मुख्यालय पर एक छोटे से मकान में सर्जन डॉ. संजय धनखड़ द्वारा संचालित धनखड़ अस्पताल पहुंची. जहां पर चिकित्सक ने उन्हें बताया कि पथरी के कारण उसकी दांईं ओर वाली किडनी खराब हो गई है. जिसे निकालनी पड़ेगी.
इस पर परिजनों ने सहमति जताई और 15 मई को ऑपरेशन किया गया. डॉ. संजय धनखड़ ने दांईं ओर की किडनी की बजाय बांईं ओर की सही किडनी निकाल दी और ऑपरेशन के बाद मरीज को छुट्टी दे दी. नूआं गांव आने पर 17 मई को जब वापिस महिला की तबियत बिगड़ी तो डॉ. संजय धनखड़ को फिर से दिखाया गया. तो उन्होंने जयपुर ले जाने की बात कही और 15 मई को हुए ऑपरेशन के बारे में कुछ भी कहने से इंकार कर दिया.
जब परिजन ईद बानो को एसएमएस जयपुर लेकर पहुंचे तो सामने आया कि डॉ. संजय धनखड़ ने खराब हो चुकी किडनी की जगह सही किडनी निकाल ली. इसके बाद अब जयपुर के चिकित्सकों के सामने भी कोई चारा नहीं बचा. अब परिवार के लोग वापिस ईद बानो को घर लेकर पहुंच गए है. विवाद सामने आने के बाद डॉ. संजय धनखड़ भी नूआं गांव पहुंचे और परिवार के लोगों को पैसे देने और कहीं पर ईलाज करवाने के लिए पैसे देने का आफर दिया. लेकिन परिवार के लोग मानें नहीं.
अब मामला सामने आने के बाद पूरे चिकित्सा विभाग में हड़कंप मचा हुआ है. जिला कलेक्टर चिन्मयी गोपाल तथा एसपी राजर्षि राज वर्मा के निर्देश के बाद सीएमएचओ डॉ. राजकुमार डांगी ने पांच चिकित्सकों की टीम बनाकर मामले के जांच के आदेश दे दिए है. आपको बता दें कि डॉ. संजय धनखड़ के ईलाज में लापरवाही का ये कोई नया मामला नहीं है.
2016 में शहर के अंसारी कॉलोनी निवासी बुजूर्ग की मौत और 2020 में सुलताना की एक महिला की मौत के मामले में भी डॉ. संजय धनखड़ पर लापरवाही के आरोप लग चुके है. लेकिन जांच के नाम पर हर बार लीपापोती हो जाती है. आपको यहां यह भी बता दें कि 2016 तक डॉ. संजय धनखड़ राजकीय जिला बीडीके अस्पताल में सर्जन के पद पर कार्यरत थे.
लेकिन अंसारी कॉलोनी के बुजूर्ग की मौत के बाद पहले उन्हें एपीओ और बाद में 2017 में सस्पैंड कर दिया गया था. इसके बाद उन्हें 2020 में फिर से चूरू जिले के एक गांव में पदस्थापित किया था. लेकिन खबर है कि इसके बाद डॉ. संजय धनखड़ ने ज्वाइन नहीं किया. अब डॉ. संजय धनखड़ मामले को लेकर छुपते हुए नजर आ रहे है.
सवाल जो जवाब मांगते है—
— किडनी निकालने के बाद डॉ. संजय धनखड़ ने उसकी बायप्सी क्यों नहीं करवाई
— लगातार लापरवाही के मामलों के बाद भी डॉ. संजय धनखड़ पर कार्रवाई नहीं
— 2016 और 2020 में भी लापरवाही से मौत के आरोप लग चुके है डॉ. संजय धनखड़ पर
— एक छोटे से मकान में ऑपरेशन जैसे कार्य करने के लिए इजाजत किसने दी
— राजकीय सेवाओं में होने के बावजूद चिकित्सा विभाग कार्रवाई क्यों नहीं कर रहा
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