Jhunjhunu: झुंझुनू जिला परिषद की बैठक में जबरदस्त हंगामा, प्रधान-सांसद हुए आमने सामने
झुंझुनूं जिला परिषद की साधारण सभा की बैठक में प्रधान और सांसद नरेंद्र कुमार हुए आमने सामने, दोनों से जोर जोर से बाजी टेबल तोड़ दिया चाय से भरा कप.
Jhunjhunu: झुंझुनूं जिला परिषद की साधारण सभा की बैठक में जबरदस्त हंगामा हुआ. बैठक में हुए हंगामे के दौरान तैश में आए सांसद नरेंद्र कुमार ने भी ना केवल टेबल बजा डाली, बल्कि उनके टेबल बचाते वक्त उनका हाथ टेबल पर रखी प्लेट और चाय के कप पर लगा, जिससे वो भी टूट गए. जानकारी के मुताबिक आज जिला प्रमुख हर्षिनी कुलहरि की अध्यक्षता में सार्वजनिक निर्माण विभाग से संबंधित कार्यों, पेयजल से संबंधित कार्यों, विद्युत आपूर्ति एवं विद्युत संबंधित समस्याओं, मुख्यमंत्री ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना राजस्थान की वार्षिक कार्य योजना एवं अनुमोदन, महात्मा गांधी नरेगा योजनान्तर्गत प्रगति, पंचायती राज विभाग को हस्तांतरित पांचों विभागों की योजनाओं एवं कार्यों, पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास विभाग की विभिन्न योजनाओं एवं कार्यों को लेकर बैठक की गई थी.
बैठक के आरंभ में सभी जिला परिषद सदस्यों को अपनी बात रखने का मौका दिया गया. इसके बाद जब सभी जिला परिषद सदस्यों ने अपनी अपनी बात सदन में रखी तो, प्रधानों की बारी आई, लेकिन जिला प्रमुख ने वीडियो कांफ्रेंसिंग होने की बात कहते हुए बैठक समाप्ति की बात कह डाली. तभी चिड़ावा प्रधान इंदिरा डूडी ने कहा कि उन्हें भी सदन में कुछ कहना है, प्रधानों को बात रखे बिना बैठक को कैसे संपन्न किया जा रहा है. इसके साथ ही नवलगढ़ प्रधान दिनेश सुंडा, मंडावा प्रधान शारदा देवठिया तथा अलसीसर प्रधान घासीराम पूनियां आदि भी तैश में आ गए और इस तरह का बर्ताव करने लगे.
उन्होंने कहा कि हर बार जिला परिषद सदस्यों को बात रखने के बाद प्रधानों को बोलने का मौका नहीं दिया जाता. लगातार माहौल तनावपूर्ण हुआ तो जिला प्रमुख हर्षिनी कुलहरि ने पुलिस विभाग के बारे में सीईओ से पूछा, जिस पर प्रधानों ने जिला प्रमुख पर पुलिस बुलाने का आरोप लगाया और अपनी गिरफ्तारी देने पर अड़ गए. विवाद के बीच ही सांसद नरेंद्र कुमार भी बैठक में पहुंचे. सांसद से भी प्रधानों की तीखी बहस हो गयी.
नवलगढ़, अलसीसर और चिड़ावा प्रधान ने विरोध में टेबल बजाई तो जवाब में सांसद नरेंद्र कुमार ने भी टेबल बजाई. माहौल को बिगाड़ता देख एडीएम जेपी गौड़ तथा सीईओ जवाहर चौधरी समेत अन्य अधिकारी बीच बचाव में आए और माहौल शांत कराया. बैठक के बाद प्रधान दिनेश सुंडा ने कहा कि हर बैठक में जिला परिषद सदस्यों के बोलने के बाद बैठक को समाप्त कर दिया जाता है. प्रधानों को बोलने नहीं दिया जा रहा और आज तो हद ही पार हो गई, जब प्रधान बोलने के लिए अपना अधिकार मांग रहें थे तो, जिला प्रमुख ने पुलिस बुलाने की धमकी दे दी, जो किसी काले दिन से कम नहीं है.
उन्होंने सांसद पर भी आरोप लगाया कि वे अपनी पुत्रवधु जिला प्रमुख हर्षिनी कुलहरि को अपने स्तर पर काम नहीं करने दे रहे है. इधर, जिला प्रमुख हर्षिनी कुलहरि ने कहा कि अनुशासन के साथ बोलने के लिए सभी को अनुमति थी, कुछ प्रधान बेवजह के मुद्दे बनाने में लगे हैं. पुलिस को नहीं बुलाया गया था, बल्कि मैंने तो यह पूछा था कि पुलिस विभाग से कोई आया नहीं है क्या अभी तक. जिसे गलत तरीके से पेश किया जा रहा है.
Reporter - Sandeep Kedia
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