Barmer: कोरोना महामारी (Corona epidemic) की दूसरी लहर में बाड़मेर (Barmer) जिले में पहली बार मेडिकल नेफ्रेक्टोमी (Medical nephrectomy) की सफल सर्जरी हुई है और आधुनिक तकनीक से कैंसर प्रभावित ख़राब गुर्दे को निकाला है. 


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अमर हॉस्पिटल एडवांस यूरो सर्जिकल सेंटर, बाड़मेर में पहुंचे भीमसिंह उम्र 60 वर्ष गांव रणधा को लम्बे समय से बायें गुर्दे में गांठ की समस्या थी. उन्होंने जांच करवायी तो कैंसर की गांठ बतायी तो उन्होंने डॉ. भूराराम चौधरी यूरोलॉजिस्ट को दिखाया. इसके बाद कैंसर की गांठ से पीड़ित मरीज ने डॉक्टर की सलाह पर ऑपरेशन करवाना उचित समझा.


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डॉ. भूराराम चौधरी के अनुसार, जिले में मेडिकल नेफ्रेक्टोमी की सर्जरी पहली बार हुयी है. नेफ्रेक्टोमी की मदद से किडनी के कुछ या सभी हिस्सों को हटाया जाता है. हमारे शरीर में दो किडनी (गुर्दे) होती हैं. ये खून से पानी और शरीर को नुकसान पहुचाने वाले पदार्थों को अलग करती हैं और कुछ तरह के हार्मोन का उत्पादन भी करती हैं. किडनी रिमूवल सर्जरी से किडनी में कैंसर और ट्यूमर का इलाज किया जाता है. इसके आलावा कुछ मामलो में अगर किडनी बहुत ज्यादा ख़राब हो गयी है तो नेफ्रेक्टोमी की तकनीक से उसे हटाया और रिप्लेस भी किया जाता है.


आगे डॉक्टर ने बताया कि मेडिकल नेफ्रेक्टोमी में गुर्दे और साथ ही गुर्दे के आसपास के वसायुक्त ऊतक और किडनी को मूत्राशय से जोड़ने वाली नली का हिस्सा भी हटा देते हैं. अगर ट्यूमर इसके करीब है या एड्रिनल ग्रन्थि के अंदर है तो एड्रिनल ग्रन्थि को हटा सकते हैं. 


क्या था मरीज भीम सिंह का केस
मरीज भीम सिंह की बायें भाग की किडनी पूरी तरह ख़राब हो चुकी थी. प्रारम्भिक जांचों में कैंसर लगा. मरीज के पुरानी पद्धति की ओपन सर्जरी के बजाय न ज्यदा दर्द, न बड़ा चीरा दूरबीन तकनीक से लेप्रोस्कोपिक सर्जरी की गयी, जिसमें 3 घण्टे से अधिक समय लगा. नेफ्रेक्टोमी में ख़राब किडनी के भाग को हटाया गया.  अब हटाये गए भाग की बायोप्सी करवायी जायेगी, जिससे गांठ की प्रकृति की पुष्टि हो सके.


अब मरीज एकदम स्वस्थ है और सामान्य रूप से हल्का आहार ले रहा है. आधुनिक पद्धति की सर्जरी से कम समय में अस्पताल से मरीज को छुट्टी दे दी जायेगी. वर्तमान में मेडिकल नेफ्रेक्टोमी अपने आस-पास जोधपुर या गुजरात में होती है.


Reporter- Bhupesh Acharya