शेरगढ़: उपखंड मुख्यालय बना गंदगी का अड्डा, जानिए क्यों...
कस्बेवासी उम्मीदों पर टिके हैं, यहां पर हर सरपंच के चुनाव में गांधी चौक से पानी निकासी प्रमुख मुद्दा रहता है. विधानसभा चुनाव में भी कस्बे की समस्याओं में सबसे पहले इसी का जिक्र होता है.
Jodhpur: जोधपुर के शेरगढ़ उपखंड मुख्यालय पर गंदगी के ढेर लगे हुए हैं. पर्याप्त सफाई की व्यवस्था ना होने के कारण चारों तरफ गंदगी का माहौल है और पास रहने वाले ग्रामीणों के हालात बद से बदतर हो रहें हैं. शेरगढ़ कस्बे में लगभग हर जगह कचरे का ढ़ेर नजर आता है, मगर खासकर बरसात में ग्रामीणों का बुरा हाल होता है. शेरगढ़ में जगह जगह कीचड़ फैलने से ग्रामीणों को आवाजाही में परेशानी होती हैं.
हर वर्ष लाखों का नुकसान झेलते हैं व्यापारी
शेरगढ़ के पुराने व्यापारियों के बड़े-बड़े प्रतिष्ठान गांधी चौक में ही हैं, गांधी चौक में पानी का भराव होने के कारण हर बार बरसात में इन व्यापारियों के प्रतिष्ठानों में पानी चला जाता है, जिससे लाखों का नुकसान होता है. बरसात के दिनों में गांधी चौक तक ग्राहक पहुंच ही नहीं पाते हैं, क्योंकि गांधी चौक में 2 फीट पानी का भराव रहता है. पानी सूखता ही नहीं है और कीचड़ का रूप ले लेता है.
आश्वासनों के सहारे ग्रामीण शेरगढ़
कस्बेवासी उम्मीदों पर टिके हैं, यहां पर हर सरपंच के चुनाव में गांधी चौक से पानी निकासी प्रमुख मुद्दा रहता है. विधानसभा चुनाव में भी कस्बे की समस्याओं में सबसे पहले इसी का जिक्र होता है, मगर चुनाव जीतने के बाद कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया जाता है. रावों का बास, लोहारों, भिस्तियों का बास, जीनगर बस्ती सहित अनेक बस्तियों का पानी ढलान के कारण गांधी चौक में आकर एकत्रित होता है, जिससे आम दिनों में भी कीचड़ जमा रहता है और राहगीरों को परेशानी उठानी पड़ती है.
बस स्टैंड का बुरा हाल
शेरगढ़ में 2017 में नया बस स्टैंड स्थानांतरित किया गया. मगर वह भी सड़क से नीचे होने के कारण और पानी की निकासी नहीं होने के कारण इन दिनों कीचड़ से भरा हुआ है. बसों से आने वाले यात्रियों को बहुत ही परेशानी का सामना करना पड़ता है, ना चाहते हुए भी आम जनों को कीचड़ में से ही गुजरने के लिए मजबूर होना पड़ रहा हैं. कीचड़ से सारे कपड़े खराब होते है, बस स्टैंड पर दुकानदारों का सामान भी गाड़ियों की आवाजाही से कीचड़ उछालने के कारण खराब होता हैं.
मौन प्रशासन शेरगढ़ के हालात किसी से भी छुपे हुए नहीं है. ना जनप्रतिनिधियों से और ना ही सक्षम अधिकारियों से मगर कोई भी इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है. बस अपनी गाड़ियों में ही निकलते नजर आते हैं और बेबस ग्रामीण लाचार हुए इसका दंश झेल रहें हैं.
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