संत-महापुरुषों की साधना से होता है भवसागर पार : गोविन्दराम शास्त्री
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संत-महापुरुषों की साधना से होता है भवसागर पार : गोविन्दराम शास्त्री

राजस्थान के भोपालगढ़ उपखंड क्षेत्र के रजलानी स्थित बाबा छोडींगजी गोशाला में आयोजित की जा रही सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा सप्ताह और ज्ञानयज्ञ महोत्सव की पूर्णाहुति भव्य कलश यात्रा के साथ हुई.

श्रीमद् भागवत कथा सप्ताह

Bhopalgarh: राजस्थान के भोपालगढ़ उपखंड क्षेत्र के रजलानी स्थित बाबा छोडींगजी गोशाला में आयोजित की जा रही सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा सप्ताह और ज्ञानयज्ञ महोत्सव की पूर्णाहुति भव्य कलश यात्रा के साथ हुई. इस दौरान रजलानी सहित आस-पास के ग्रामीण इलाकों से सैंकड़ों श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी, जिसकी वजह से यहां की समूची आबोहवा धर्ममय हो गई और चारों ओर गूंजते भागवत भगवान के जयकारों से सारा माहौल भी भक्तिमय-सा बन गया.

गोशाला सेवा समिति के छगनदास शर्मा और राकेश पाड़ीवाल ने बताया कि सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा सप्ताह और ज्ञानयज्ञ महोत्सव के आखिरी दिन व्यासपीठ पर विराजे कथावाचक रामस्नही रामधाम खेड़ापा के उत्तराधिकारी संत गोविन्दराम शास्त्री ने धर्मसभा को संबोधित करते हुए कहा कि भगवत रुपी संत-महापुरुषों की साधना करने से ही भवसागर से पार उतरा जा सकता है. हमारी संस्कृति और परंपरा से ही हम सबका मार्गदर्शन होता है. कलयुग में विभिन्न आडंबरों से हटकर सिर्फ रामनाम का सहारा लेकर भवसागर पार करने का सरल और सुगम मार्ग है. 

रामनाम वह औषधि है, जो जन्म-मरण रुपी भयंकर रोगों का नाश करती है. मनुष्य पाप की कमाई के लिए कितना प्रयत्न करता है लेकिन रामनाम की कमाई नहीं कर सकता है. पाप की कमाई मनुष्य को रास्ता भटकाकर गलत दिशा में फंसा लेती है. राम नाम का सुमिरन ही जीवन की सच्ची कमाई है और राम का नाम लेने से ही भव बंधन के चक्करों से छुटकारा मिल सकता है. केवल राम का नाम ही सदैव अजर-अमर है और गुरु परंपरा के मार्ग पर चलते हुए हमे सदैव संत-महापुरुषों और भगवान का स्मरण करना चाहिए.

भागवत की पूर्णाहुति पर रजलानी सरपंच पारस गुर्जर ने कहा कि हमे गोमाता की सेवा करने के लिए सदैव तत्पर रहना चाहिए. वर्तमान समय में गायों की दुर्दशा को देखते हुए हमे अपने मन में गायों की सेवा का भाव रखना चाहिए और गोमाता के साथ-साथ माता-पिता और गुरू की भी सेवा करनी चाहिए. सरपंच ने युवा पीढ़ी से नशे की प्रवृत्ति को त्यागकर संतों की सत्संग में आने का भी आह्वान किया.

इस दौरान कथा की पूर्णाहुति में धूमगिरी आश्रम बारनी खुर्द के महंत शीतलगिरी महाराज, रजलानी सरपंच पारस गुर्जर, पूर्व सैनिक अमरसिंह पाड़ीवाल, मांगीलाल पाड़ीवाल, सुगनाराम गिल्ला, सुनील पाड़ीवाल, इन्द्रसिंह सीताराम जलवाणिया, रामू सैन, बाबुलाल गुर्जर, दुर्गाराम गोदारा, मांगीलाल गोदारा, सहित आस-पास के गांवों से आए सैंकड़ों श्रद्धालु नर-नारी मौजूद थे और सभी ने शोभायात्रा में भी भाग लिया है.

Report: Arun Harsh

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