Astrology : शनि की वक्री गति के साथ मंगल का कर्क राशि में गोचर, षडाष्टक योग बनाने वाला है. ज्योतिषीय दृष्टि से षडाष्टक योग बहुत अशुभ माना जाता है. इसके प्रभाव से जीवन में कई चुनौतियाँ और कठिनाइयाँ आ सकती हैं. चलिए बताते हैं उन राशियों के बारे में जिन्हे ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है.
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Astrology : शनि की वक्री गति के साथ मंगल का कर्क राशि में गोचर, षडाष्टक योग बनाने वाला है. ज्योतिषीय दृष्टि से षडाष्टक योग बहुत अशुभ माना जाता है. इसके प्रभाव से जीवन में कई चुनौतियाँ और कठिनाइयाँ आ सकती हैं. चलिए बताते हैं उन राशियों के बारे में जिन्हे ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है.
सिंह
सिंह राशि के जातकों के लिए षडाष्टक योग प्रतिकूल माना जाता है. इस अवधि में स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां उत्पन्न हो सकती हैं और पिता की सेहत को लेकर चिंताएं भी बढ़ सकती हैं. सिंह राशि के जातकों को सलाह दी जाती है कि यात्रा करते समय अत्यधिक सावधानी बरतें और बहस या विवाद में शामिल होने से बचें. साथ ही इस योग के बनने के दौरान खर्चे भी बढ़ने की संभावना है.
धनु
धनु राशि के जातकों को भी षडाष्टक योग के दौरान सावधान रहने की जरूरत है. स्वास्थ्य के मामले में लापरवाही से पीठ दर्द या मौखिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं. वाहन चलाते समय अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए. इसके अलावा, नए व्यावसायिक उद्यम शुरू करने या नए निवेश करने से बचना चाहिए क्योंकि वित्तीय नुकसान के संकेत मौजूद हैं.
कुंभ
षडाष्टक योग कुंभ राशि वालों के लिए कुछ चुनौतियां पेश कर सकती है. शनि की वक्री चाल और मंगल के प्रभाव से व्यक्तिगत और मानसिक उथल-पुथल हो सकती है. इस अवधि के दौरान मानसिक तनाव और तनाव की संभावना के प्रति सचेत रहना महत्वपूर्ण है. व्यापार के क्षेत्र में आर्थिक झटके लगने के संकेत हैं. कुंभ राशि के जातकों को सलाह दी जाती है कि वे सावधानी बरतें, नए उपक्रमों से बचें और विरोधियों से निपटने में सतर्क रहें, क्योंकि नुकसान लाभ से अधिक हो सकता .
(डिस्क्लेमर- ये लेख सामान्य जानकारी है, जिसकी ज़ी मीडिया पुष्टि नहीं करता है )