Kaila devi Karauli : उत्तर भारत के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल कैलादेवी सहित जिले भर में घट स्थापना के साथ चैत्र नवरात्रि का शुभारंभ हो गया. नवरात्रि में 9 दिन विधि विधान से माता की पूजा-अर्चना, शतचंडी पाठ, भैरव स्त्रोत पाठ, कन्या-लांगरा पूजन जैसे अनुष्ठानों का आयोजन किया जाएगा. इस दौरान जिलेभर में घर घर देवी स्थापना पूजा-पाठ और अनुष्ठान होंगे.


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इस दौरान श्रद्धालु देवी मां की आराधना कर अमन चैन और खुशहाली की कामना करते हैं. कैलादेवी में करीब 17 दिन चलने वाले चैत्र नवरात्रि मेले में 40 लाख से अधिक श्रद्धालु कैलादेवी पहुंचते हैं. नवरात्रि के प्रथम दिन माता के दरबार में श्रद्धालु धोक लगाकर खुशहाली की मनौती मांगतें हैं. कैला माता के दरबार में दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की सुबह मंगला आरती पर 4 बजे से कतारें लग गई. करीब 3 से 4 घंटे लाइन में लगने के बाद श्रद्धालुओं को कैला माता के दर्शन हो रहे हैं. कैला देवी मंदिर प्रबंधक संतोष सिंह ने बताया कि 40 साल में पहली बार नवरात्रि के प्रथम दिन इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालु माता के दर्शन को पहुंचे हैं.


नवरात्रि में श्रद्धालु राजस्थान के अलावा उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, दिल्ली आदि से कैलादेवी पहुंचतें है. इस दौरान करीब 8 से 10 लाख श्रद्धालु पदयात्रा करते हुए नाचते गाते धूमधाम से कैलादेवी पहुंचते हैं. नवरात्रि के प्रथम दिन मां शैलपुत्री की पूजा की गई. इसके साथ कैलादेवी की विभिन्न धर्मशालाओं में भी श्रद्धालुओं ने देवी अनुष्ठान शुरू किए तो घरों में भी घटस्थापना कर धार्मिक आयोजन और पाठ शुरू हुए है. नवरात्र शुरू होते ही कैला देवी में श्रद्धालुओं की चहल पहल शुरू हो गई है. वही माता का भवन में केला देवी के जयकारों से गुंजायमान होने लगा है. राज परिवार के राज ऋषि प्रकाश जत्ती के निर्देशन में कैला माता मंदिर में मंत्रोच्चार के साथ पूजा अर्चना कर घट स्थापना की गई. नवरात्रि के दौरान 15 पंडित विशेष पूजन, पाठ और अनुष्ठान करते हैं तो कन्या लांगड़ा को जीमन कराया जाता है.


देश के प्रसिद्ध प्रमुख शक्ति पीठों में शामिल है. कैलादेवी राजपरिवार की कुल देवी है. माता के मंदिर की सेवा, सुश्रुषा, व्यवस्था राज परिवार संभालता है. नवरात्र के पवित्र मौके पर कैलादेवी में महिला, पुरुष, बच्चों, बुजुर्गों की भारी संख्या पहुंचतें है. श्रद्धालु माता को प्रसादी, चुनरी चढाकर मनौती मांगते है.


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