Nagaur News: डेह तहसील के चुवाद गांव का राजकीय उच्च प्राथमिक स्कूल में कक्षा एक से 8 तक 100 विद्यार्थियों का नामांकन है. इन बच्चों के बैठने के लिये विधालय में मात्र तीन कक्षा कक्ष बने हुए हैं. लेकिन बारिश की सीजन में विद्यालय में बने कमरे जर्जर हो गए हैं. साथ ही कक्षाओं की पट्टियां टूटने से सीलिंग से प्लास्टर गिर रहा है. कुल मिलाकर अधिक बारिश से विद्यालय का भवन हादसे के इंतजार में है. जिसके चलते विद्यालय के बच्चों को मजबूरन पेड़ों के नीचे बैठकर अध्ययन करना पड़ रहा है. 


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बारिश से बचने के लिए पेज तान कर बैठना पड़ता है
इस पूरे मामले पर विद्यालय के छात्रों ने बताया कि बारिश के पानी से बचने के लिए कभी-कभी पन्नी तानकर भी बैठना पड़ रहा है. विद्यालय के प्रधानाध्यापक पीथाराम ने बताया कि विद्यालय में बच्चों के बैठने के लिए तीन कमरे हैं. लेकिन 2 कमरों के छत की पट्टियां टूटने से मजबूरन बच्चों को कमरे के बाहर बरामदे ओर पेड़ के नीचे बैठाकर अध्ययन करवाना पड़ रहा है. विद्यालय भवन के जर्जर होने की सूचना प्रशासन के उच्च अधिकारियों को दे दी गई है. 


जर्जर अवस्था में हैं राज्य के अधिकतर विद्यालय 
विधालय भवन के जर्जर की यह कहानी सिर्फ इस स्कूल की ही नहीं है, बल्कि जायल ब्लॉक के अधिकतर शिक्षा के मंदिर जर्जर अवस्था में हैं, जिससे विद्यार्थियों का शिक्षा ग्रहण करना आसान नहीं है. सरकारी विद्यालय के भवनों की दयनीय स्तिथि को लेकर ग्रामीणों द्वारा सार्वजनिक निर्माण विभाग व महिला बाल विकास राज्यमंत्री डॉ मंजू बाघमार को भी अवगत करवाया जा चुका है. लेकिन अभी तक समस्या का कोई रास्ता नहीं निकलने से विद्यार्थियों के जीवन पर संकट मंडराता नजर आ रहा है. 


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