Pali: जिले में लम्पी स्किन की रोकधाम के लिए समाजसेवी संगठनों ने मुहीम की शुरूआत की है.  महामारी का रूप ले रही लम्पि बीमारी से जहां जिला प्रशासन की सांसे फूली हुई है,  तो सामाजिक संगठन भी इस महामारी से मवेशियों को बचाने की पुरजोर कोशिशों में जुटें हैं. सैकड़ों की तादाद में गौ रक्षक एवं स्वयंसेवक संगठनों द्वारा मवेशियों को बचाने के प्रयास किए जा रहें. जिले के रानी सुमेरपुर और मारवाड़ जंक्शन क्षेत्र में 24 घंटे सामाजिक संगठन एवं गौ रक्षक गौशालाओं एवं सड़क पर विचरण करने वाले मवेशियों पर हाइपोक्लोराइट का छिड़काव कर रहें हैं और आयुर्वेदिक औषधि युक्त दवाइयों को मवेशियों को खिला रहें है.


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जिले में वर्तमान समय में 15,000 से अधिक की संख्या में गौवंश लम्पि बीमारी से ग्रसित है और 2 हजार से अधिक गौवंश की मौत सरकारी आंकड़ों के हिसाब से हो चुकी है. वास्तविक आंकड़े इससे भी और अधिक है, सबसे ज्यादा कहर मारवाड़ जंक्शन क्षेत्र में देखने को मिल रहा है, जहां हर गांव में मवेशियों की शव नजर आ रहें हैं. मारवाड़ जंक्शन क्षेत्र में गौ रक्षकों द्वारा देर रात्रि तक आवारा एवं सड़कों पर विचरण करने वाले मवेशियों पर भी हाइपोक्लोराइट का छिड़काव किया गया और अनेक संगठन कि ओर से भी आमजन से गौवंश की इस महामारी में सहयोग करने की अपील की जा रही. जिला प्रशासन द्वारा भी समस्त गौशालाओं में अतिरिक्त टीमों का गठन किया गया है एवं इस महामारी को रोकने के प्रयास किए जा रहें. वहीं स्थानीय समस्त गौ पालकों ने सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाया है. 
Reporter - Subhash Rohiswal


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