भक्तों ने कोरोना से मुक्ति की कामना की ताकि इस साल आने वाले सभी तीज, त्योहार शहरवासी धूमधाम से मना सकें.
इस दौरान भक्तों ने नए साल में कई संकल्प भी लिए. नए साल में कोरोना के मद्देनजर शहर के बड़े मंदिर प्रबंधनों ने कोरोना के मद्देनजर विशेष तैयारियां भक्तों के दर्शनों के लिए की. ज्योतिषविदों के मुताबिक साल के पहले दिन ही पुष्यनक्षत्र का होना देश में विभिन्न क्षेत्रों में विशेष सुखद परिणाम देने वाला रहेगा. इससे अन्य देशों में भारत की प्रतिष्ठा ओर बढ़ेगी.
न्यू ईयर-2021 का आगाज पुष्य नक्षत्र के शुभ संयोग के बीच हुआ. नए साल पर रात जहां म्यूजिक डांस मस्ती का धमाल रहा तो वहीं सुबह घंटा घड़ियालों, पूजन अर्चन का आध्यात्मिक माहौल रहा. मोतीडूंगरी गणेश जी मंदिर में महंत कैलाश शर्मा के सान्निध्य में सुबह 6 बजे भगवान गणेश का 151 किलो दूध सहित अन्य द्रव्यों से पंचामृत अभिषेक हुआ.
सूर्य की पहली किरण निकलने के साथ ही मंदिरों में चहलपहल बढ़ने लगी और जैसे-जैसे दिन चढ़ता गया, सैलाब उमड़ पड़ा. परिवार के साथ भक्त शहर के आराध्य देव गोविंद देव जी, मोती डूंगरी गणेश मंदिर, खोले के हनुमान मंदिर, अक्षयपात्र, अक्षरधाम, इस्कॉन, आमेर स्थित शिलामाता मंदिर सहित अन्य मंदिरों में पहुंचकर देव दर्शन कर सुख समृद्धि की कामना की.
गोविंद देव जी मंदिर में महंत अंजन कुमार गोस्वामी के सान्निध्य में विशेष पूजा हुई. कृष्ण बलराम मंदिर जगतपुरा में हरिनाम संकीर्तन सहित अन्य आयोजन हुए. वहीं भगवान का विशेष श्रृंगार हुआ. नरवर आश्रम सेवा समिति की ओर से खोले के हनुमान मंदिर में भगवान को चोला भी धारण करवाया गया.
मंदिरों में भगवान के जयकारे के साथ-साथ हैप्पी न्यू ईयर भी गूंजे. यहां से निकलने के बाद जो भी जानकार मिलते गए, उन्हें भी नए साल की शुभकामनाएं दी. शहर के आराध्यदेव गोविंदेवजी मंदिर में हर ओर गोविंद के जयकारों से वातावरण सराबोर हो रहा था.