Rajasthan News: स्पेशल गेस्ट सुरेश गुप्ता ने बीकानेर को "अल मस्त शहर" बताया और कहा कि यहाँ नवाचार किए जाने चाहिए. उनका मानना है कि इससे पर्यटन को बढ़ावा देकर रोजगार के नए अवसर पैदा किए जा सकते हैं. यह बयान उन्होंने राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र, बीकानेर परिसर में अश्व पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए आयोजित इंटरफ़ेस मीटिंग में दिया.
टूरिज्म डिपार्टमेंट के डिप्टी डायरेक्टर अनिल राठौड़ ने बताया कि बीकानेर में हॉर्स राइडिंग के अलावा घोड़ों से संबंधित अन्य शो कराने का सुझाव भी दिया गया है. यह कदम बीकानेर में पर्यटन को बढ़ावा देने और रोजगार के नए अवसर पैदा करने में मदद कर सकता है.
बीकानेर के राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र ने एक नई उपलब्धि हासिल की है. केंद्र के अध्यक्ष डॉ एस.सी. मेहता ने बताया कि पिछले एक साल में केंद्र ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई उपलब्धियां हासिल की हैं. हाल ही में, केंद्र ने करनाल के वैज्ञानिकों के साथ मिलकर स्वदेशी घोड़ों की डीएनए-बेस्ड 'एक्सिओम-अश्व एसएनपी चिप' विकसित की है, जो स्वदेशी घोड़ों के अध्ययन में बहुत उपयोगी साबित होगी.
बीकानेर में नवाचार की अपार संभावनाएं हैं, जिससे पर्यटन को बढ़ावा देकर रोजगार के नए अवसर पैदा किए जा सकते हैं. इस बात पर बल देते हुए स्पेशल गेस्ट सुरेश गुप्ता ने कहा कि बीकानेर "अल मस्त शहर" है, जहां नवाचार की आवश्यकता है.
राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र ने देश को घोड़ों की 8वीं नस्ल भीमथड़ी देने का गौरव प्राप्त किया है, साथ ही मारवाड़ी घोड़ों के संरक्षण पर राष्ट्रीय स्तर का नस्ल संरक्षण पुरस्कार जीता है. हाल ही में, केंद्र ने विट्रीफाइड भ्रूण प्रत्यारोपण तकनीक से राज शीतल नामक बच्ची का जन्म संभव किया है. इन उपलब्धियों को देखते हुए, सुरेश गुप्ता ने कहा कि बीकानेर में नवाचार की अपार संभावनाएं हैं जो पर्यटन और रोजगार को बढ़ावा दे सकती हैं.