Khole Hanumanji - Vaishno Devi Mata Temple Ropeway : छोटीकाशी जयपुर की पहचान प्रसिद्ध मंदिर और पर्यटन स्थल के रूप में है. विदेशी ही नहीं भारतीय भक्त और पर्यटक जयपुर में मंदिरों के और ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण करने के लिए आते हैं. जिससे प्रमुख मंदिरों में दिनभर भक्तों का तांता लगा रहता है. जयपुर और बाहर से आने जाने वाले लोगों को किसी भी परेशानी का सामना नहीं करना पड़े, इसके लिए सरकार समय-समय पर विकास कार्य करवाती है. जिससे आमजन की राह आसान हो, और वह किसी भी बिना रुकावट के जयपुर दर्शन कर सके.
जी हां इसी कड़ी में राजधानी जयपुर के प्रमुख मंदिर खोले के हनुमान जी से वैष्णो देवी माता मंदिर तक रोपवे का निर्माण कार्य जोर-शोर से किया जा रहा है. खोले के हनुमान जी मंदिर स्थित अन्नपूर्णा माता मंदिर से वैष्णो देवी माता मंदिर तक रोपवे बनाया जा रहा है. इस रोपवे निर्माण में 400 मीटर की दूरी तय करने के लिए 18 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं.
इस रोपवे के बन जाने से बुजुर्ग और चल फिर नहीं सकने वालों को माता वैष्णो देवी के दर्शन आसानी से हो सकेंगे, इसके लिए राज्य सरकार प्रयासरत है. मंदिर में दर्शन करने वाले भक्तों ने बताया इस रोपवे के निर्माण से जयपुर शहर वासियों को और अधिक मंदिरों के दर्शन आसानी से हो सकेंगे. पहाड़ी पर दुर्गम राह वाले वैष्णो देवी माता के दर्शन अब सुगमता से हो सकेंगे. रोपवे बन जाने के बाद जयपुर में पर्यटकों की संख्या में इजाफा होगा, जिससे रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होंगे. बूढे, बुजुर्ग और बच्चे माता वैष्णो देवी के दर्शन दुर्गम पहाड़ी पर चढ़कर करने में असमर्थ होते थे, उनकी राह अब अधिक आसान होगी.
वहीं अन्नपूर्णा माता मंदिर से वैष्णो देवी मंदिर तक रोपवे निर्माणकर्ता कैलाश खंडेलवाल ने बताया वैष्णो देवी माता के दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए रोप वे का निर्माण किया गया है. बुजुर्ग महिला पुरुष और चलने अक्षम लोगों को मंदिर जाने में परेशानी होती थी, अब इसके माध्यम से सुविधा मिलेगी 5 मिनट के समय में माता के दर्शन कर सकेंगे. अभी शुरुआत में 12 ट्रॉलियों का संचालन किया जाएगा, प्रत्येक ट्रॉली में 6 लोगों के बैठने की सुविधा होगी, एक राउंड में 72 यात्री सफर कर सकते हैं. अन्नपूर्णा माता वैष्णो देवी माता की दूरी 400 मीटर की है, उसे महज 5 मिनट में पूरा कर लिया जाएगा, 150 रुपये वयस्क व्यक्ति का और 75 रुपये बच्चे का किराया तय किया गया है. अभी ट्रॉलियों की असेंबलिंग करी जा रही है, जल्द ही इन्हें आम जनता के लिए शुरू कर दिया जाएगा. 1 साल पहले से इस प्रोजेक्ट का निर्माण कार्य जारी है लगभग 17 करोड से रूपए का निर्माण किया जा रहा है.
इसी के साथ प्रोजेक्ट मैनेजर आलोक शर्मा ने बताया जयपुर शहर की पहली और अनूठी रोपवे परियोजना है. जमीन से 90 मीटर की इसकी कुल ऊंचाई है. प्रारंभिक तौर पर 12 ट्रॉलियां चलाई जाएगी, उसके बाद जैसे-जैसे यात्री भार बढ़ेगा, तब इनकी संख्या को और अधिक बढ़ाया जाएगा, सभी केबिन ऑटोमेटिक, पैनोरमिक है जिससे पहाड़ी का सुंदर चित्रण किया जा सकेगा. रोपवे निर्माण का मुख्य उद्देश्य बड़े बुजुर्ग को एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजा जा सके इसके लिए किया जाता है.
मंदिरों में तरह के नवाचार होने से भक्तों को तो सुविधा मिलती ही है साथ साथ पर्यटन को भी बढ़ावा मिलता है. जिससे रोजगार के अवसर उत्पन्न होते हैं. इसी के साथ में जयपुर विश्व मानचित्र पर तेजी से उभर सके इसके लिए केंद्र और राज्य सरकार अपने कदम आगे बढ़ा रही है. उम्मीद है प्रदेश के अन्य मंदिरों का भी विकास इसी तरीके से हो जिससे राजस्थान एक संपन्न राज्य बन कर आगे बढ़े.