Pushkar mela 2023: राजस्थान मेलों और उत्सवों की धरती है. यहां एक कहावत प्रसिद्ध हैं. सात वार नौ त्योहार. यहां के मेले और पर्व राज्य की संस्कृति के परिचायक हैं. यहां लगने वाले पशु मेले व्यक्ति और पशुओं के बीच की आपसी निर्भरता को दिखाते हैं.
पुष्कर मेला स्थानीयों लोगों का कल्ला है. पुष्कर मेला हर साल मरुस्थल के गांवों के कठोर जीवन में एक नया उत्साह भर देता हैं.
करोड़ों लोगों की आस्था के केंद्र पुष्कर सरोवर में 18 नवंबर को देव प्रबोधनी एकादशी स्नान के साथ पंच तीर्थ स्नान शुरू हुआ था.
महास्नान के साथ मेले का समापन हो गया. 7 दिन तक चलने वाला इस मेले में राजस्थानी संस्कृति कि सुदंर झलक देखने को मिली.
पुष्कर मेले को दुनिया का सबसे बड़ा ऊट मेला भी कहा जाता है. साथ ही इस मेले में लोक नृत्य,कला, संगित आदि जैसे प्रतियोगिताओं का आयोजन हुआ था.
पुष्कर मेला देश के सबसे बड़े आकर्षणों में से है. हर साल लाखों श्रद्धालु पुष्कर आकर पवित्र झील में डूबकी लगाते हैं.
इलाहाबाद, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में हर 12 साल पर कुंभ होता है जबकि हर छह साल में अर्द्धकुंभ का आयोजन हरिद्वार और प्रयाग में होता है. इनमें विदेशी पर्यटक भारी तादाद में आते हैं.