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नहीं देखा होगा हरियाली-इंद्रधनुष का ऐसा मेल, वायरल हुईं शाहाबाद के कुंडाखोह की PICS

बारां के शाहाबाद क्षेत्र में बरसात के दिनों में प्रकृति दिल खोल कर मेहरबान हो जाती है. 

मुसाफिर जंगल और घाटियों के बीच के बीच से गुजरने फोरलेन हाईवे पर प्रकृति के साथ सेल्फी लेने से नहीं चूकते.

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मुसाफिर जंगल और घाटियों के बीच के बीच से गुजरने फोरलेन हाईवे पर प्रकृति के साथ सेल्फी लेने से नहीं चूकते.

इस इलाकों में सर्वाधिक बारिश होती है. यहां दिन में रूक-रूक कर कभी तेज बरसात होती है. कभी धूप खिल जाती है. चारों ओर पहाड़ियों पर हरियाली ने अपना श्रृंगार कर रखा है. इसे निहारने आसपास क्षेत्र के लोग यहां पहुंच रहे हैं. बाहर से आने वाले मुसाफिर जंगल और घाटियों के बीच के बीच से गुजरने फोरलेन हाईवे पर प्रकृति के साथ सेल्फी लेने से नहीं चूकते.

यहां जमीन पर इंद्रधनुष बना दिखाई देता है.

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यहां जमीन पर इंद्रधनुष बना दिखाई देता है.

आमतौर पर आपने आसमान में इंद्रधनुष बनते देखा होगा पर इंद्रधनुष धरती का आलिंगन करने के लिए जमीन पर भी आता है. बारिश के मौसम में हरियाली से प्रकृति का सौंदर्य और इसी के साथ ही अद्भुत नजारे दिखाई दे रहे हैं शाहबाद कुंडाखोह की कलाइयों में. यहां जमीन पर इंद्रधनुष बना दिखाई देता है. 

 

बारिश से भाप की बूंदों के बीच सूर्य का प्रकाश गुजरता है तो यह बूंद एक प्रिज्म की तरह काम करती है.

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बारिश से भाप की बूंदों के बीच सूर्य का प्रकाश गुजरता है तो यह बूंद एक प्रिज्म की तरह काम करती है.

जब बारिश से भाप की बूंदों के बीच सूर्य का प्रकाश गुजरता है तो यह बूंद एक प्रिज्म की तरह काम करती है. इससे यह अलग-अलग सात रंगों में विभक्त हो जाता है. इस घटना को इंद्रधनुष बनना कहते हैं. 

 

आसमान के अलावा यह झरना जलस्रोत पर भी दिखाई देता है.

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आसमान के अलावा यह झरना जलस्रोत पर भी दिखाई देता है.

भूगोल की भाषा में इंद्रधनुष पानी की बूंदों में प्रकाश के परावर्तन अपवर्तन और फैलाव के कारण बनने वाला एक संयोजन है, जिससे आकाश में प्रकाश की एक स्पेक्ट्रम यानी रंगवाली दिखाई देती है. इसमें सात अलग-अलग रंग दिखाई देते हैं. आसमान के अलावा यह झरना जलस्रोत पर भी दिखाई देता है.