Jodhpur Latest News in Hindi : राजस्थान(Rajasthan) में विधानसभा चुनाव पास हैं, ऐसे में जोधपुर में गुर्जर प्रतिहार सम्राट मिहिरभोज (Gurjar Pratihar Samrat Mihirbhoj)के नाम के आगे से गुर्जर शब्द हटाने के लेकर गुर्जर समाज में गुस्सा. मामले पर समाज के तरफ से ट्वीट कर गहलोत सरकार को चेतावनी तक दे दी गयी है. अपने ट्वीट में गुर्जर नेता हिम्मत सिंह ने यूपी के दादरी में हुई इसी प्रकार की घटना का जिक्र भी किया है.
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Jodhpur News: सम्राट मिहिर भोज के नाम के आगे लगा गुर्जर शब्द हटाने पर गुर्जर समाज आक्रोशित हैं. गुर्जर नेता हिम्मत सिंह का कहना है कि राजस्थान सरकार की ओर से जोधपुर विश्वविद्यालय में गुर्जर प्रतिहार सम्राट मिहिरभोज पर रिसर्च के लिए शोध संस्थान बनाया गया था. जिसमें नाम के आगे से गुर्जर शब्द हटा दिया गया है.
कौन है सम्राट मिहिर भोज, जिनकी जाति पर गुर्जर और राजपूत आमने सामने
इस संस्थान में सम्राट मिहिरभोज के नाम से अब गुर्जर शब्द हटाया जा चुका है. इस शोध संस्थान में सभी प्रोफेसर एक ही जाति से आते हैं , इस शोध संस्थान को जल्द से जल्द बंद किया जाना चाहिए. या फिर इसमें गुर्जर शब्द जोड़ा जाए, गुर्जर इतिहासकारों को भी इसमें सम्मिलित किया जाना चाहिए.
उन्होंने कहा कि हम गुर्जर समाज के इतिहास को बचाने की कोशिश में हैं. गुर्जर समाज अपने पूर्वजों का इतिहास बचाने के लिए किसी स्तर तक भी जा सकता है. उन्होंने राजस्थान सरकार को चेतावनी दी कि राजस्थान सरकार को उत्तर प्रदेश के दादरी में 2021 की घटना से सबक लेना चाहिए था.
दादरी में 2021 में क्या हुआ था
उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर के दादरी में 22 सितम्बर 2021 को बालिका इंटर कॉलेज में सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा का अनावरण हुआ. जहां यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ भी मौजूद थे. जैसे ही शिलापट्ट का अनावरण हुआ. विवाद शुरू हो गया. दरअसल शिलापट्ट पर लिखे 'गुर्जर प्रतिहार सम्राट मिहिर भोज' के नाम के 'गुर्जर' शब्द पर किसी ने स्याही लगा दी थी. जिसके बाद मामला लंबे वक्त तक गर्माया रहा था.
हिम्मत सिंह ने किया ट्वीट
ट्वीट करते हुए हिम्मत सिंह ने कहा कि मैं सीएम गहलोत के संज्ञान में ये बात लाना चाहता हूं कि जोधपुर विश्वविद्यालय में गुर्जर प्रतिहार सम्राट मिहिरभोज पर शोध करने के लिए राज्य सरकार ने शोध संस्थान बनाया. जिसमें सम्राट मिहिरभोज के नाम से अब गुर्जर शब्द हटा दिया गया. इस शोध संस्थान की टीम में सभी प्रोफेसर एक ही जाति राजपूत समुदाय से आते हैं. उन्होंने कहा कि शोध के लिए गुर्जर इतिहासकारों को भी सम्मिति किया जाए, जिससे गुर्जर सम्राट मिहिरभोज पर सही शोध और अनुसंधान किया जा सकें. हिम्मत सिंह का कहना है कि 13 जून 2023 के पत्र के अनुसार जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय के शोध एवं विकास प्रकोष्ठ के तहत गठित सम्राट मिहिर भोज प्रतिहार शोधपीठ खोलने को लेकर प्रोफेसर महेंद्र सिंह राठौड़ की अध्यक्षता में 4 जुलाई 2023 को आयोजित हुई. जिसमें प्रोफेसर जय सिंह राठौड़, महेंद्र कुमार, डॉ वीरेंद्र सिंह परिहार शामिल हुए थे.