Rajasthan- सियासत का फेर या आंकड़ों की बाजीगरी, मंत्री के 22 केस नहीं दिखे पुलिस को, कोर्ट को बता दिया शून्य
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Rajasthan- सियासत का फेर या आंकड़ों की बाजीगरी, मंत्री के 22 केस नहीं दिखे पुलिस को, कोर्ट को बता दिया शून्य

 Madan dilawar News: कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को जान से मारने की धमकी देने के मामले में बीजेपी के वरिष्ठ नेता मदन दिलावर के खिलाफ वर्ष 2023 में संजय सर्किल थाने में एफआईआर दर्ज करवाई गई थी.

Mallikarjun kharge threaten case

 Madan dilawar News: सियासत के फेर में आंकड़ों की बाजीगरी  कहे या फिर मानवीय भूल क्योंकि  यह मामला जुड़ा हा सीएम भजन लाल सरकार के  मंत्री से जुड़ा था। थानेदार ने मंत्री को खुश करने के लिए या फिर बिना जानकारी के मंत्रीजी के खिलाफ किसी तरह का मुकदमा दर्ज नहीं होने की बात कोर्ट में लिख डाली। इधर, खुफिया पड़ताल में सामने आया कि मंत्री के खिलाफ 22 से ज्यादा केस दर्ज हो चुके हैं। इसकी जानकारी मिलने पर पुलिस अधिकारियों के हाथ.पांव फूल गए और जानकारी ठीक करवाकर कोर्ट में  भिजवाई गई.

क्या है पूरा मामला

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को जान से मारने की धमकी देने के मामले में बीजेपी के वरिष्ठ नेता मदन दिलावर के खिलाफ वर्ष 2023 में संजय सर्किल थाने में एफआईआर दर्ज करवाई गई था. केस विधायक से जुड़ा होने के कारण जांच सीआईडी सीबी को सौंप दी गई थी.

 थानाधिकारी ने  मुकदमा दर्ज नहीं होने दी जानकारी

 इधर, इस मामले में अगले महीने मार्च में हाईकोर्ट में मंत्री की पेशी होनी है। मामला संजय सर्किल थाने में दर्ज हुआ था ऐसे में हाईकोर्ट ने केस की फाइल मंगवाने के निर्देश दिए । फाइल के साथ संजय सर्किल थानाधिकारी ने दिलावर के खिलाफ किसी प्रकार का पुराना मुकदमा दर्ज नहीं होने की जानकारी भेज दी।

दरअसल, जब भी किसी आपराधिक मुकदमें में सेशन और हाईकोर्ट में तारीख पड़ती है तो फाइल कोर्ट में भेजी जाती है। केस की स्थिति के साथ ही आपराधिक रिकॉर्ड और तथ्यात्मक रिपोर्ट भेजना जरूरी  होता है। व्यक्ति के खुद के थाने में एफआईआर दर्ज होती है तो पार्ट फर्स्ट में तथा किसी गैर इलाके में मामला दर्ज हो तो जानकारी फार्ट थर्ड में लिखना अनिवार्य है।

इधर, संजय सर्किल थाने की फाइल देखते ही कोर्ट कर्मियों ने सीआईडी सीबी थाने और सीआईडी ने  मंत्री दिलावर के गृह थाने अटरू से जानकारी मांगी. जिसके बाद पता चला कि शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के खिलाफ लगभग 22 केस दर्ज हो चुके हैं.

जमानत पर पड़ सकता है असर 

जानकारी के अनुसार,  थाने में एफआईआर पार्ट फस्ट्र में दर्ज होती है और गैर इलाके में दर्ज होने वाली एफआईआर पार्ट थर्ड में दर्ज होती है। भले ही आरोपी के खिलाफ कितने ही केस दर्ज हो जानकारी में नहीं होने पर कोई कार्रवाई नहीं हो पाती है. सूत्रों का कहना है कि करीब पांच साल पहले भी दस्तावेज जमा नहीं होने पर आरोपी को जमानत मिल गई थी।

कभी बरी, कभी वापस और कभी कोर्ट

शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के खिलाफ दर्ज मामलों को देखा जाए तो सबसे पहले वर्ष 1979 में अटरू में आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज हुआ।

इसी तरह बारां कोतवाली में 1979 दर्ज, वर्ष 1999, वर्ष 2000 में दो, वर्ष 2001 में दर्ज मामले में दिलावर को बरी या केस ड्रोप किया गया।

वर्ष 1990 और वर्ष 1992 में दर्ज केसों में एफआर लगी

वर्ष 1989 में विज्ञान नगर कोटा, मकबरा कोटा केस में बरी किए गए

1995 में बारां सदर में संदेह का लाभ देकर बरी किया गया
 1999 में अटरू में दर्ज केस 399 और 432 को तथा वर्ष 2010 में दर्ज केसों को राज्य सरकार ने वापस लिया।
पिछले साल रामगंज मंडी और सुकैत थाने में दर्ज केस 195 पुलिस के पास पेंडिंग हैं

14 जुलाई 2021 में रामगंज मंडी में दर्ज महामारी अधिनियम का मामला कोर्ट में पैंडिंग है
.इस्तगासा से दर्ज दो अन्य केस राज्य सरकार की ओर से वापस लिए गए हैं।

 

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