Sachin Pilot press confrence : सचिन पायलट ने जयपुर में प्रेस कांफ्रेंस करते हुए अशोक गहलोत के बयानों पर जवाब दिया. काफी आक्रामक अंदाज में बोलते हुए पायलट ने कहा कि मुझे समझ नहीं आ रहा कि मुख्यमंत्री जी की नेता सोनिया गांधी है या वसुंधरा राजे है. असल गद्दारी तो 25 सितंबर को हुई थी.
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Sachin Pilot press confrence : सचिन पायलट ने जयपुर में प्रेस कांफ्रेंस कर मौजूदा राजनीति में चल रही बयानबाजी पर जवाब दिया. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के 10-10 करोड़ के बयान पर भी जवाब दिया. पायलट ने कहा कि धौलपुर में सीएम के भाषण को सुनने के बाद ऐसा लगा जैसे उनकी नेता सोनिया गांधी नहीं है. बल्कि उनकी नेता वसुंधरा राजे सिंधिया है. एक तरफ ये कहा जा रहा है कि हमारी सरकार को गिराने काम बीजेपी कर रही थी. दूसरी तरफ ये कहा जा रहा है कि हमारी सरकार वसुंधरा राजे बचा रही थी.
सचिन पायलट ने कहा कि ये विरोधाभास है. सीएम गहलोत को साफ करना चाहिए कि आखिर वो कहना क्या चाहते है. पायलट ने कहा कि सरकार बनने के बाद मैं प्रदेश का उपमुख्यमंत्री था. 2020 में मेरे ऊपर राष्ट्रद्रोह के मुकदमे में कार्रवाई करने की कोशिश की गई. मैं साफ करना चाहता हूं कि मैं और मेरे कुछ साथी सरकार में नेतृत्व परिवर्तन करना चाहते थे. हम अपनी बात को लेकर दिल्ली गए. अहमद पटेल के नेतृत्व में एक कमेटी बनी. कमेटी ने हम सबकी बातें सुनकर एक रोडमैप तैयार किया.
उसके बाद राज्यसभा चुनाव से लेकर पिछले ढ़ाई साल में हम सभी मिलकर चले. किसी ने अनुशासन तोड़ने का काम नहीं किया. मुझे बहुत कुछ कहा गया. कोरोना, गद्दार, निकम्मा आदि. परसों जो आरोप लगाए गए. वो पिछले ढ़ाई साल से मैं सुन रहा था. लेकिन हम सरकार की छवि को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहते थे.
सचिन पायलट ने कहा कि मैनें पहली बार देखा है कि अपनी ही पार्टी के विधायकों को बदनाम किया जा रहा है. और बीजेपी नेताओं का गुणगान किया जा रहा है. जिन लोगों ने सार्वजनिक जीवन में 40 साल काम किया. समाज के लिए समर्पित रहे. उनके लिए ऐसे शब्दों का इस्तेमाल किया जा रहा है. हेमाराम जिनके लिए जनता के दिल बड़ा सम्मान है. जिस हेमाराम ने 100 करोड़ रुपए बच्चों की पढ़ाई में लगाए उन पर 10 करोड़ लेने के आरोप लगाना ठीक नहीं है
सचिन पायलट ने कहा कि मैं इस तरह के बेबुनियाद और झूठे आरोपों को नकारता हूं. कई लोगों को पार्टी में पद दिया गया. जिन लोगों की जनता में साख है, उन पर चंद रुपयों में बिकने का आरोप लगाया जा रहा है. मैं इसे बहुत गलत मानता हूं. अगर ऐसा हुआ है तो पिछले तीन साल में कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई.
सचिन पायलट ने कहा कि जयपुर में 25 सितंबर को जो घटनाक्रम हुआ. सोनिया गांधी के निर्देशों के बावजूद मल्लिकार्जुन खड़गे जी विधायकों की बैठक नहीं ले पाए. उनका अपमान हुआ. वो असल गद्दारी थी. विधायकों को उनकी इच्छा के खिलाफ इस्तीफा दिलाया गया. कई लोग कहते है कि 25 सितंबर के इस्तीफे भी मोदी शाह के इशारे पर दिलाए गए. लेकिन ऐसी बातें मैं मंचों पर जाकर नहीं कहता हूं.