Pratapgarh News:रंगों के त्योहार पर वन विभाग की ओर से हर्बल गुलाल तैयार करवा जा रहा है.जो होली पर उपलब्ध कराई जा रही है.हर्बल गुलाल को वन क्षेत्र से पलाश व अन्य पेड़-पौधों के फूलों से तैयार की जा रही है.
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Pratapgarh News:रंगों के त्योहार पर वन विभाग की ओर से हर्बल गुलाल तैयार करवा जा रहा है.जो होली पर उपलब्ध कराई जा रही है.हर्बल गुलाल को वन क्षेत्र से पलाश व अन्य पेड़-पौधों के फूलों से तैयार की जा रही है.वन सुरक्षा समितियों के माध्यम से एक पखवाड़े से वन क्षेत्र से आवश्यक कच्ची सामग्री एकत्रित कराई गई है. इसके बाद समितियों के माध्यम से हर्बल गुलाल तैयार कराई गई है. इसे आमजन को बिक्री के लिए भी उपलब्ध कराई जा रही है.
गौरतलब है कि जिले में वन क्षेत्र में वनौपज काफी मात्रा में पाई जाती है. इसे देखते हुए वन विभाग की ओर से यहां मिलने वाले उपज से वन सुरक्षा समितियों के माध्यम से उपयोगी सामग्री तैयार कराई जा रही है. जिससे वन सुरक्षा के साथ लोगों को रोजगार भी मिल रहा है.
इसी के तहत गत वर्षों से जिले के जंगलों में प्रचुरता में पाए जाने वाली वनस्पति खाखरा, पलाश के फूल से हर्बल गुलाल बनाई जा रही है. जिले में पांच वर्षों से पलाश के फूलों से हर्बल गुलाल तैयार करने का काम किया जा रहा हैं. जिसके बाद वन विभाग की ओर से वन सुरक्षा समितियों के माध्यम से इन्हे बेचकर राजस्व बढ़ाया जा रहा हैं.
प्राकृतिक वनस्पति से तैयार होने के कारण इस गुलाब से त्वचा को कोई नुकसान नहीं होता है. क्षेत्र के जंगलों पलाश जिसे आम बोलचाल में खाखरा भी कहा जाता है. इसके पेड़ बहुतायत पाए जाते हैं. अभी तक खाखरा के फूलों का कोई उपयोग नहीं होता था.
यह जंगलों में अनुपयोगी पड़े रहते थे. वन विभाग की ओर से खाखरा के फूलों से हर्बल गुलाब बनाने का काम किया जा रहा हैं. महिला स्वयं सहायता समूह के माध्यम से हर्बल गुलाब तैयार की जा रही है.
इन दिनों स्थानीय वनस्पति प्रजाति खाखरा, पलाश के फूलों की उपलब्धता रहती है. सहायक वन संरक्षक दिलीपसिंह गौड़ ने बताया कि वन सुरक्षा समितियों की महिलाओं को प्रोत्साहन के तहत स्वरोगार उपलब्ध कराने की उद्देश्य से खाखरा, पलाश, गुड़हल, सेमल के फूलों से केमिकल रहित प्राकृतिक हर्बल गुलाल बनाया जा रहा हैं.
पलाश के पेड़ दक्षिणी राजस्थान के जंगलों में बहुतायत पाया जाता है. इसे अलग-अलग नामों से जैसे पलाश, ढाक, टेसू या किंशुक से जाना जाता है. पलाश के फूल सुर्ख केसरी लाल रंग के साथ पीले रंग के भी होते हैं.यहां धरियावद नाका स्थित वन विभाग की ओर से विक्रय केन्द्र खोला गया है. इसका उद्घाटन उपवन संरक्षक हरिकिशन सारस्वत ने किया.
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