Holi 2024: राजसमंद में होलिका दहन पर गैर नृत्य की धूम, टोंक में भी दिखा हर्षोल्लास
Advertisement

Holi 2024: राजसमंद में होलिका दहन पर गैर नृत्य की धूम, टोंक में भी दिखा हर्षोल्लास

Rajsamand + Tonk News: राजसमंद जिले में बड़ी धूमधाम से होलिका दहन का आयोजन किया गया.  होलिका दहन के चलते लोगों में काफी उत्साह देखा गया. ब्यावर जिले में सुबह से ही होली के त्योहार के प्रति लोगों मे बड़ा उत्साह देखने को मिला. भद्रा लगने से पूर्व ही होलिका दहन स्थान पर महिलाओं ने पूजा अर्चना कर ली. 

rajsamand news - zee rajasthan

Rajsamand News: राजसमंद जिले में बड़ी धूमधाम से होलिका दहन का आयोजन किया गया. बता दें कि होलिका दहन के चलते लोगों में काफी उत्साह देखा गया. राजसमंद जिले में विभिन्न जगहों पर होलिका दहन का आयोजन हुआ. तो वहीं होलिका दहन से पूर्ण विधिवत पूजा अर्चना करने के बाद होलिका दहन किया गया. 

होलिका दहन के बाद मौजूद लोगों ने एक दूसरे को होली की शुभकामनाएं दी. ऐसे में गांव की परंपरा के अनुसार गैर नृत्य की भी घूम देखी गई. बता दें कि होली दिन से 2 दिन पूर्व से ही गांव में परंपरागत गैर नृत्य की धूम रहती है, जिसके चलते राजसमंद के डिप्टी गांव में युवाओं ने इस परंपरा को जिंदा रखते हुए वर्षों से चली आ रही परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं. गांव के मुख्य चौराहे पर 5 दिन तक गैर नृत्य का आयोजन होता है.

टोंक में भी शुभ मुहूर्त में होलिका दहन
ब्यावर जिले में सुबह से ही होली के त्योहार के प्रति लोगों मे बड़ा उत्साह देखने को मिला. भद्रा लगने से पूर्व ही होलिका दहन स्थान पर महिलाओं ने पूजा अर्चना कर ली. इसके बाद भद्रा का अशुभ काल बीतने के बाद शुभ मुहूर्त में पूजा अर्चना के बाद 11.30 मिनट पर होलिका का दहन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया ओर लोगों ने गेहू की बालियां सेक कर होली मनाई. साथ ही चंग के साथ लोक फाल्गुन के लोक गीतों पर नृत्य करते रहे और एक दूसरे को होली की शुभकामनाएं दी. होलिका दहन के समय वहा मौजूद महिलाओं ने मंगल गीत गाकर होली का त्योहार बड़े हर्षोल्लास से मनाया.

सिटी पैलेस से लेकर जयपुर में जगह-जगह होलिका दहन

सर्वार्थसिद्धि योग सहित अन्य योग संयोगों में रविवार को फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा को भद्रा खत्म होने के बाद होलिका दहन हुआ.  करीब 24 साल बाद होलिका दहन रात 11:13 से मध्यरात्रि 12:33 बजे तक हुआ. 

जयपुर में होली का दहन का मुख्य आयोजन सिटी पैलेस में हुआ, जहां वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ पहले होलिका की पूजा अर्चना करने के बाद होलिका दहन किया गया. सिटी पैलेस से होलिका दहन के बाद परंपरा के अनुसार शहर के कई क्षेत्रों में सिटी पैलेस की होली से अग्नि ले जाकर होली जलाई. 

लोगों ने चंग और ढफ की थाप के बीच होली के गीत गाए और नृत्य किया. इस पुरातन परंपरा को देखने के लिए बड़ी संख्या में देसी-विदेशी पर्यटकों के साथ स्थानीय लोग भी उपस्थित रहे. गौरतलब है कि 50 साल बाद दो राशियों यानि कुंभ और मीन में त्रिग्रही योग रहा. कुंभ राशि में मंगल, शुक्र और शनि का वहीं मीन राशि में सूर्य, बुध और राहु का योग भी बना. इस बार पूर्णिमा की शुरुआत रविवार सुबह 9.56 बजे से शुरू हुई, जो आज सोमवार दोपहर 12.30 बजे तक रहेगी, जिसमें भद्रा रविवार सुबह 9.56 बजे से शुरू होकर रात 11.13 बजे तक रही. भद्रा में होलिका दहन वर्जित बताया है. उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र ओर वृद्धियोग में रात 11.13 बजे से मध्यरात्रि 12.33 बजे तक दहन का सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त में होलिका दहन हुआ.

Trending news