सवाई माधोपुर-रणथंभौर अभ्यारण्य से सटे तालाब में ठेकेदार की लापरवाही से लाखों मछलियों,कछुओं सहित जीवों की मौत, जानें पूरा मामला
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सवाई माधोपुर-रणथंभौर अभ्यारण्य से सटे तालाब में ठेकेदार की लापरवाही से लाखों मछलियों,कछुओं सहित जीवों की मौत, जानें पूरा मामला

Sawai Madhopur News: सवाई माधोपुर जिले के खंडार उपखण्ड मुख्यालय के अधीन बहरावंडा खुर्द कस्बे में दशहरा मैदान के समीप स्थित मॉडर्न तालाब कमल सरोवर में लाखों मछलियों,कछुओं सहित जलीय जीवों की मौत का मामला सामने आया है.  जिसे लेकर प्रशासन ने चुप्पी साध रख है.

 

Sawai Madhopur

 Sawai Madhopur News: सवाई माधोपुर जिले के खंडार उपखण्ड मुख्यालय के अधीन बहरावंडा खुर्द कस्बे में दशहरा मैदान के समीप स्थित मॉडर्न तालाब कमल सरोवर में लाखों मछलियों,कछुओं सहित जलीय जीवों की मौत का मामला सामने आया है. बताया जा रहा है कि  तालाब में खतरनाक कीटनाशक दवाओं का छिड़काव किया गया है.जिससे  लाखों की संख्या में मछलियों, मेंढक एवं अन्य जलीय जीवों को मौत हो गई है. 

करीब डेढ़ से दो लाख बड़ी मछलियों की मौत
 जानकारी के मुताबिक कमल सरोवर में सिंघाड़े की उपज के लिए ग्राम पंचायत ने ठेका दिया था, सिंघाड़े के पौधों को कीट पतंगों से बचाने के लिए घातक कीटनाशक दवाओं का छिड़काव ठेकेदार के जरिए किया गया. जिससे पूरे तालाब का पानी जहरीला हो गया. वहीं, जहरीले पानी से करीब डेढ़ से दो लाख की संख्या में तालाब में मौजूद छोटी बड़ी मछलियों की मौत हो गयीं. इसी के साथ तालाब में रहने वाले 5 घड़ियाल सहित सैकड़ों कछुओं के भी जहरीले पानी की चपेट में आने की आशंका है.

अधिकारियों ने साधी चुप्पी
फिलहाल, मामले में विभागीय अधिकारियों ने चुप्पी साधी हुई हैं. कमल सरोवर में लाखों की संख्या में किनारे लगी हुई मृत मछलियां सड़ने लगी है, जिससे तालाब किनारे लोग जाने से कतरा रहे है. वहीं आसपास रहने वाले लोगों का परेशानी उठानी पड़ रहीं है.

रणथंभौर राष्ट्रीय अभ्यारण्य के जानवरों पर भी है खतरा
मामले को लेकर कस्बे में कमल सरोवर के समीप रहने वाले स्थानीय लोगों ने बताया कि, तालाब में करीब 5 दिन पहले ठेकेदार के जरिए करीब 10 छोटी नावों के सहारे पूरे तालाब में कीटनाशक दवाओं का छिड़काव किया गया था, जिसके कारण तालाब में मौजूद जलीय जीवों की मौत हुई है. दूसरी तरफ 500 मीटर की दूरी पर मौजूद रणथंभौर राष्ट्रीय अभ्यारण्य के वन्यजीव, टाइगर, भालू, जंगली सियार, नीलगाय आदि भी इसी तालाब में पानी पीने आते है, जिसके चलते वन्यजीवों के भी जहरीले पानी पीने की संभावना है एवं ग्रामीणों के पालतू पशु भी इसी तालाब में पानी पीने आते है जिससे बेजुबानों की जान को भी खतरा बना हुआ है.

अभी तक पानी से कीटनाशकों के प्रभाव को कम करने के लिए किसी भी विभाग के जरिए कोई पहल नही की गयीं है. वहीं ग्राम पंचायतके जरिए भी मामले में अभी तक कोई एक्शन नहीं लिया गया है.

बेजुबानों की मौत के जिम्मेदारों  पर कार्रवाई पर मांगा जवाब

मामले को लेकर जब बहरावंडा खुर्द ग्राम पंचायत के ग्राम विकास अधिकारी रामावतार बैरवा से जानकारी चाही तो उन्होंने मामलें में जल्द जांच करवाकर उच्च अधिकारियों को भेजने की बात कहीं. दूसरी तरफ हल्का पटवारी द्वारा भी खंडार तहसीलदार को दूरभाष पर मौखिक रूप से अबगत कराया है.देखने वाली बात होगी आखिर लाखों बेजुबानों की मौत के जिम्मेदारों पर प्रशासन क्या कार्रवाई करते है.

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