Anupgarh : नगर परिषद में 16 माह बाद हुई बैठक, पार्षदों ने ठेकेदार पर लगाए भ्रष्टाचार के आरोप
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Anupgarh : नगर परिषद में 16 माह बाद हुई बैठक, पार्षदों ने ठेकेदार पर लगाए भ्रष्टाचार के आरोप

Anupgarh News : अनूपगढ़ की नगरपरिषद में सोलह माह बाद शुक्रवार को बोर्ड बैठक का आयोजन किया गया. बैठक में बोर्ड के इतिहास में सर्वाधिक 28 एजेंडें लिए गए. जिसके बाद भी अन्य कई मुद्दों पर चर्चा की गई. बोर्ड बैठक में पार्षदों ने बिजली के उपकरण एवं ऑटो सेक्टर में खरीद करने एवं मरम्मत करने वाले ठेकेदार फर्म पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए.

 

Anupgarh : नगर परिषद में 16 माह बाद हुई बैठक, पार्षदों ने ठेकेदार पर लगाए भ्रष्टाचार के आरोप

Anupgarh: अनूपगढ़ की नगरपरिषद में सोलह माह बाद शुक्रवार को बोर्ड बैठक का आयोजन किया गया. बैठक में बोर्ड के इतिहास में सर्वाधिक 28 एजेंडें लिए गए. जिसके बाद भी अन्य कई मुद्दों पर चर्चा की गई. बोर्ड बैठक में पार्षदों ने बिजली के उपकरण एवं ऑटो सेक्टर में खरीद करने एवं मरम्मत करने वाले ठेकेदार फर्म पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए. लगभग ढाई घंटे चली बैठक में एक घंटें तक एक ही सिंधी समाज को धर्मशाला के लिए भूमि आवंटित करने वाले मुद्दे पर चर्चा होने के बावजूद इस पर कोई निर्णय नहीं लिया जा सका. 

इसके अलावा बैठक मेंं बिजली, पानी, पट्टे, सफाई व अन्य मुद्दों पर चर्चा हुई. बैठक की अध्यक्षता सभापति प्रियंका बैलाण, उपसभापति सतपाल मुंजाल,आयुक्त पूजा शर्मा तथा वार्ड पार्षदों ने भाग लिया. बैठक में जिला बनने के बाद पार्किंग व्यवस्था व बाजार में बिगड़ी व्यवस्था के संबंध में किसी प्रकार की कोई चर्चा नहीं की गई. परिषद की तरफ से इस मुद्दे को एजेंडें में शामिल नहीं किया गया और नाहीं किसी भी जनप्रतिनिधि की तरफ से इस मुद्दे पर चर्चा की गई. राष्ट्रगाण के साथ बैठक का समापन किया गया.

इन एजेंडों पर यू ही हुई चर्चा

बैठक में सर्वप्रथम कचरा संग्रहण के लिए तीन ऑटो टीपर क्रय करने का एजेंडा बोर्ड के समक्ष रखा गया, पार्षद राजू चलाना ने शहर में कचरा संग्रहण के लिए इनकी संख्या को पर्याप्त नहीं बताते हुए इसकी संख्या बढ़ाने का सुझाव बैठक में दिया. उपाध्यक्ष सतपाल मुंजाल ने भी पांच ऑटो-टीपर खरीदने का प्रस्ताव रखा. इसके अलावा कचरा संग्रहण के लिए ही दो ऑटो ट्रक्टर मय ट्राली क्रय करने पर भी विचार विमर्श किया गया. ट्रैक्टर खरीद के मामले में कोटेशन लेने का सुझाव दिया. सभी ने उक्त दोनों सुझावों को पारित कर दिया तीसरे एजेंडें में विद्युत शाखा के लिए एक स्काई लिफ्टर पिकअप वाहन क्रय करने पर विचार विमर्श किया गया. जिसे भी पारित कर दिया गया. इसके अलावा बैठक में कम्बोज समाज के लिए भूमि आवंटित,घरों से जा रही 33 हजार केवी लाइन हटवाने,राजकीय भूमि पर हो रहे अतिक्रमण हटवाने, कर्मचारी की मृत्यु पर पुत्र को अनुकम्पा पर नौकरी पर रखने,विभिन्न संस्थाओं का पट्टा जारी करने,सौंदर्यकरण व स्ट्रीट लाइट लगाने,टैक्सी स्टैंड को स्थान देने राजकीय चिकित्सालय के लिए निशुल्क पट्टा देने सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा की गई.

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बिना गुणवता के कार्य करने वाले ठेकेदार फर्म का भुगतान रोकने की मांग

वहीं एजेंडों के बीच में पार्षद मक्कड़ ने कर्मचारियों के वेतन का मुद्दा उठाते हुए कहा कि पिछले दो-चार महीने से इनका पेमेंट नहीं मिल रही है,जिस पर नगर पालिका आयुक्त ने समय पर भुगतान करने का आश्वासन दिया. बैठक में नगरपालिका भवन के विस्तार पर भी विचार किया गया. बैठक में निर्माण कार्यों की प्रशासनिक एवं वितीय स्वीकृति लेकर एजेंडा रखा गया, उपसभापति ने कहा कि बिना सदन की अनुमति के जो कार्य करवाए गए हैं,वह करवाए जा सकते हैं क्या? जिस आयुक्त ने कहा कि बोर्ड बैठक बुलाना संभव नहीं होता तो ऐसे में कार्य करवाए जाते हैं. सभापति बैलाण ने कहा कि बोर्ड मीटिंग करने में समय लगता है,ऐसे में कुछ कार्य करवाने पड़ते हैं. नेता प्रतिपक्ष से विकास कार्य करवाने के मामले में सभापति पर भेदभाव करने के आरोप लगाए. जिस पर पार्षद सन्नी धायल एवं सुनील डाल ने नेता प्रतिपक्ष का विरोध किया. 

पार्षद पार्षद भूपेंद्र ने निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर सवाल उठाया. उपासभापति ने संबंधित पार्षद को शामिल करके एक कमेटी बनाने का सुझाव दिया उपाध्यक्ष ने बिना गुणवत्ता के कार्य करने वाले ठेकेदारों का भुगतान रोकने का सुझाव दिया. पार्षद राजू चलाना ने सार्वजनिक निर्माण विभाग द्वारा बनाई गई सड़कों की गुणवत्ता पर सवाल उठाते हुए कहा कि सड़कों के निर्माण में किसी प्रकार के मापदंडों का ध्यान नहीं रखा गया. उन्होंने कहा कि निर्माण तो सार्वजनिक निर्माण विभाग कर रहा है,लेकिन गुणवत्ता पूर्ण कार्य नहीं होने के कारण बदनामी नगर पालिका की हो रही है.उन्होंने निर्माण कार्य के गुणवत्ता पर सवाल उठाते हुए जांच करने की मांग की. नगरपरिषद सभापति व आयुक्त ने भी कहा कि इस मामले में सरकार को रिपोर्ट भेजी जाएगी,उन्होंने कहा कि निर्माण कार्य वास्तव में ही गुणवत्ताहीन हुआ है. हमें इस मामले को कलक्टर तक भी उठाना चाहिए.

ढाई घंटें की बैठक में एक घंटें तक एक ही एजेंडें पर चर्चा

बैठक में वार्ड नम्बर 29 में सामुदायिक भवन में सिंधी समाज को धर्मशाला देने का मुद्दा रखा गया, जिस पर एक घंटें तक बहस चलने के बाद भी कोई निर्णय नहीं लिया जा सका. गौरतलब है कि गत बोर्ड की तरफ से सिंधी समाज को वार्ड नम्बर 29 के परिसर में धर्मशाला के लिए जगह आवंटित की गई थी लेकिन बाद में चार पार्षदों की अनुशंसा पर वर्तमान बोर्ड ने इस पर स्टे ले लिया गया था. उसके बाद से ही यह विवाद चला आ रहा है,गत दिनों नेता प्रतिपक्ष के समक्ष इस मु़द्दे को उठाया था,जिसके बाद आज बैठक में पुन: इस मुद्दे को ऐजेंडे के रूप में शामिल किया गया. 

सिंधी समाज को पूर्व में आवंटित की गई भूमि को ही धर्मशाला के लिए देने के लिए नगरपालिका सभापति पक्ष के पार्षदों ने सहमति जता दी. लेकिन वहीं दूसरे पक्ष ने अन्यत्र स्थान पर धर्मशाला के लिए भूमि देने की बात कही. दोनों पक्षों में एक घंटें तक बहस चलती रही. परिषद सभापति ने इस मुद्दे का निस्तारण करने के लिए बार-बार कहा. इस मुद्दे को सुलझाने के लिए वोटिंग भी करवाई गई. उपसभापति सतपाल मुंजाल के नेतृत्व में विपक्ष के पार्षदों ने वोटिंग करने से मना कर दिया. हालांकि समाज को धर्मशाला के लिए वही भूमि देने के पक्ष में १६ पार्षदों ने वोटिंग की. सहमति नहीं बनने पर इस प्रकरण पर कोई फैंसला नहीं लिया जा सका.

बोर्ड बैठक में लगाए भ्रष्टाचार के आरोप

बोर्ड बैठक में नगरपालिका उपसभापति ने बिजली के सामान क्रय करने मेंं तथा कार्य करने में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए. उनहोंनें कई वस्तुएं के दामों को बताते हुए कहा कि इन वस्तुओं के मूल्य बाजार भाव से कहीं अधिक लगाए गए हैं. उन्होंनें कहा कि 2800 की लाइट के स्थान पर 8400 का बिल दिया गया है. इसके अलावा पार्षद राजू चलाना ने भी ऑटो सेक्टर में कई उदाहरण देते हुए कहा कि निर्धारित दामों से कहीं अधिक बिल दिए गए है. पंक्चर के लिए जहां 800 रूपए निर्धारित हैं,वहीं 1300 का बिल दिया गया है,इसी प्रकार सर्विस नए पार्टस आदि में जमकर भ्रष्टाचार किया गया हैं. उन्होंनें मांग करते हुए कहा कि उक्त भ्रष्टाचार के लिए एसीडी में प्रकरण दर्ज करवाया जाए.

प्रशासन शहरों के संग अभियान का अंतिम दिन

बैठक में कामरा धर्मशाला को पट्टा देने का मुद्दा रखा, जिस पर नेता प्रतिपक्ष दीपक गोयल ने कहा कि अन्य लोगों को भी जिनके आवेदन आए हुए है, उन्हें पट्टे दिए जाने चाहिए. जो लोग दो साल से पट्टों के लिए भटक रहे हैं,जिन्होंनें राशि भर कर सभी शुलक जमा करवाने के बाद आवेदन किए हैं. बैठक में आयुक्त ने स्पष्ट रूप से कहा कि वह नियमानुसार ही पट्टे देंगी. वहीं तहबाजारी के पट्टे बनाए जाने का मुद्दा भी रखा गया, पार्षदों ने कहा कि जिन दुकानों के दस्तावेज पूरे हैं. उन्हें दिए जाएं जिस पर जिस पर आयुक्त ने कहा कि डीएलबी से मार्गदर्शन प्राप्त हुआ है कि इसकी पूरी पत्रावलियों की जांच करके रिपोर्ट भेजी जाए.

Reporter- Arun Vaishnav

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