आज के दिन करें ये आसान उपाय, कर्ज और मंगल से जुड़ी सभी परेशानियां होंगी दूर, संतान सुख की होगी प्राप्ति
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आज के दिन करें ये आसान उपाय, कर्ज और मंगल से जुड़ी सभी परेशानियां होंगी दूर, संतान सुख की होगी प्राप्ति

​Govinda Dwadashi 2022: धर्मग्रंथों के अनुसार शुक्ल पक्ष की द्वादशी को गोविंद द्वादशी मनाई जाती है. इस दिन देवों के देव महादेव की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना की जाती है. ये व्रत करने वालों को संतान की प्राप्ति होती है. ये व्रत करने वालों को समस्त धन-धान्य, सौभाग्य का सुख मिलता है और समस्त पापों का नाश होता है. 

प्रतीकात्मक तस्वीर

Govinda Dwadashi 2022: धर्मग्रंथों के अनुसार शुक्ल पक्ष की द्वादशी को गोविंद द्वादशी मनाई जाती है. इस दिन देवों के देव महादेव की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना की जाती है. ये व्रत करने वालों को संतान की प्राप्ति होती है. ये व्रत करने वालों को समस्त धन-धान्य, सौभाग्य का सुख मिलता है और समस्त पापों का नाश होता है. इस दिन भगवान भोलेनाथ को उनकी प्रिय वस्तुएं अर्पित की जाती है. भोलेनाथ को भांग, धतुरा, बेलपत्र, गंगाजल, सफेद चंदन, सफेद फूल अर्पण करें. गोविंद द्वादशी हर साल मनाई जाती है. गोविंद द्वादशी का दिन भगवान गोविंद को समर्पित माना जाता है. इस साल 15 मार्च 2022 को द्वादशी व्रत किया जा रहा है. 

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मान्यता है कि इस दिन शिव मंत्रों का जाप करने से सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. इस दिन भगवान गोविंद की पूजा-अर्चना करने का विधान है. इस व्रत को रखने से मनोवांछित फल प्राप्त होता है. पुराणों में ये व्रत समस्त कार्य को सिद्ध करने वाला होता है. 

गोविंद द्वादशी पर ऐसे करें पूजन
गोविंद द्वादशी की पूजा एकादशी के उपवास की भांति ही होती है. गोविंद द्वादशी के दिन लक्ष्मीनारायण की पूजा करें. पूजा के लिए पंचामृत से भगवान को भोग लगाएं. द्वादशी कथा का वाचन करें. इसके बाद लक्ष्मी देवी एवं अन्य देवों की आरती करें. पूजन के बाद चरणामृत एवं प्रसाद सभी को बांटें. ब्राह्मणों को भोजन कराने के बाद दक्षिणा दें, फिर खुद भोजन करें. इस दिन अपने पूर्वजों का तर्पण करने का भी विधान है. ये व्रत सर्वसुखों के साथ-साथ बीमारियों को दूर करने में भी कारगर है. पूरे मनोभाव से पूजा-पाठ आदि करते हुए दिन व्यतीत करें.

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भौम प्रदोष पर ऐसे करें पूजन 
भौम प्रदोष का व्रत बहुत प्रभावकारी माना गया है. मंगल ग्रह की शांति के लिए भौम प्रदोष का व्रत रखें. इस दिन शाम के समय हनुमान और भोलेनाथ की पूजा की जाती है. इस दिन हनुमान मंदिर में हनुमान चालीसा का पाठ करें. इस दिन बजरंग बली को बूंदी के लड्डू अर्पित करें. इस दिन व्रतधारी को भोजन कराएं. 

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