Sriganganagar news: घग्घर नदी में पानी के तेज बहाव देखते हुए प्रशासन अलर्ट मोड पर आ गया है. आज अनूपगढ़ क्षेत्र में घग्घर नदी के बहाव क्षेत्र का जिला कलेक्टर सौरव स्वामी,पुलिस अधीक्षक परिस देशमुख,एडीएमअरविंद जाखड़ सहित अन्य अधिकारियों ने निरीक्षण किया.


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 निरीक्षण के दौरान समस्त अधिकारियों ने घग्घर नदी के पुल, लैला मजनू की मजार और भेडताल का निरीक्षण किया.घग्घर नदी के पुल पर निरीक्षण के दौरान स्थानीय व्यापार मंडल अध्यक्ष बुलचन्द चुघ सहित अन्य जनप्रतिनिधियों ने घग्घर नदी के पानी के आने पर हर संभव सहयोग करने का आश्वासन दिया.निरीक्षण के दौरान जिला कलेक्टर सौरव ने बताया कि इस बार घग्घर नदी में पानी पहले से अधिक मात्रा में आ रहा है इसलिए उन्होंने सभी से अपील की है कि प्रशासन का सहयोग करें और सावधानी बरतें.


इन लोगो ने करवाया क्षेत्रीय स्थिति से अवगत
आज जिला कलेक्टर के अनूपगढ़ पहुंचने पर व्यापार मंडल अध्यक्ष बुलचन्द चुघ, जसवंत सिंह चन्दी, बब्बू बहोलिया, प्रकाश सिंह जोसन, गोपाल डागला,कालू सेतिया,भजनलाल कामरा,सरपंच एलसी डाबला, सरपंच मनवीर सिंह, सरपंच जरनैल सिंह जम्मू सहित अन्य लोगों ने क्षेत्र की वास्तविक स्थिति से अवगत करवाया.


ग्रामीणों को किया जा रहा है सतर्क
जिला कलेक्टर सौरव स्वामी ने बताया कि घग्घर नदी में अधिक पानी आने को लेकर प्रशासन अलर्ट है. आज सूरतगढ़ से लेकर भी भेडताल तक घग्घर नदी के बहाव क्षेत्र का निरीक्षण किया जा रहा है. निरीक्षण के दौरान बहाव क्षेत्र में यदि कोई आबादी क्षेत्र,ग्राम पंचायत आ रही है तो वहां के ग्रामीणों को सतर्क करने के लिए निरंतर वार्ता के दौर चल रहे हैं. घग्घर नदी के बहाव क्षेत्र में बने पुलों के नीचे मशीनों की सहायता से साफ सफाई की जा रही है ताकि घग्घर नदी का पानी आसानी से आगे बढ़ सके.


कृषि फार्मों को किया जाएगा पाबंद


जिला कलेक्टर ने बताया कि स्थानीय लोगों के द्वारा भेडताल तक घग्घर नदी का पानी पहुंचाने की मांग की गई है. उनकी मांग पर गत वर्ष की तरह इस वर्ष भी कृषि फार्म के साइफन को पानी स्टोरेज के लिए 5 दिन बाद खोलने के लिए निर्देशित किया जाएगा ताकि अनूपगढ़ क्षेत्र के लोगों को भी घग्घर नदी के पानी का लाभ मिल सके.


1992 में अधिक मात्रा में आया था पानी


मौके पर मौजूद जनप्रतिनिधियों ने बताया कि अब से पहले 1992 में घग्घर नदी में पानी की आवक बहुत अधिक रही थी.उस समय बाढ़ के हालात पैदा हो गए थे. 1992 के बाद घग्घर नदी में पानी धीरे-धीरे कम आना शुरू हो गया. गत वर्ष पानी जरूर अंतिम छोर भेडताल तक पहुंचा था मगर पानी की मात्रा बहुत कम थी. जनप्रतिनिधियों ने संभावना व्यक्त की है कि घग्घर नदी में पानी की आवक इस बार भी नहीं के बराबर रहेगी. प्रशासन निश्चिंत रहें यहां का हर एक किसान,व्यापारी मजदूर प्रशासन के साथ है.


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