Karanpur Assembly Seat Election: करणपुर विधानसभा चुनाव के लिए नोटिफिकेशन हाल ही में जारी हुआ. आज यानी 19 दिसंबर तक प्रत्याशी नामांकन भर सकेंगे. 5 जनवरी को मतदान होगा. 8 जनवरी को मतगणना की जाएगी.


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कौन से करणपुर सीट से कांग्रेस का प्रत्याशी


विधानसभा चुनाव से पहले करणपुर से कांग्रेस प्रत्याशी गुरमीत सिंह कुन्नर का बीमारी के कारण निधन हो गया था.करणपुर सीट पर प्रत्याशी की मौत के बद चुनाव को स्थगित कर दिया गया था.पूर्व विधायक गुरमीत सिंह कुन्नर के बेटे रूपेंद्र कुन्नर को कांग्रेस ने प्रत्याशी बनाया है. राजस्थान में बीजेपी की सरकार बन चुकी है. ऐसे में करणपुर सीट पर कांग्रेस के लिए करणपुर सीट पर जीत हासिल करना बड़ी चुनौती साबित हो सकता है.


कौन से करणपुर सीट से बीजेपी का प्रत्याशी


करणपुर में बीजेपी के पूर्व मंत्री सुरेन्द्रपाल सिंह टीटी मैदान में हैं. इसके अलावा आम आदमी पार्टी की बात करें तो पिरथीपाल सिंह संधू चुनाव मैदान में हैं.निर्वाचन आयोग के मुताबिक करणपुर विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी के अलावा 11 उम्मीदवार मैदान में हैं.


32वीं बार चुनाव लड़ रहे तीतर सिंह
 
इस बार करणपुर विधानसभा चुनाव सीट से 32वीं बार तीतर सिंह ने फॉर्म भरा है. उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल किया है.संभव है कि अगर वह चुनाव नहीं जीतते हैं तो दूसरे नंबर पर रह सकते हैं. तीतर सिंह विधायक, सरपंच और सांसद मिलाकर 31 बार चुनाव लड़ चुके हैं. हालांकि 31 बार उनको हार मिली. तीतर सिंह दिहाड़ी मजदूर हैं. मनरेगा में भी तीतर सिंह मजदूरी करते हैं.


क्या है वोटर्स का गणित


कांग्रेस प्रत्याशी के अलावा 11 उम्मीदवार करणपुर चुनाव विधानसभा सीट से मैदान में हैं. करणपुर विधानसभा क्षेत्र में कुल 249 मतदान केंद्र 2 लाख 40 हजार 826 मतदाता मतदान करेंगे. जिसमें से 1,25,850 पुरुष, 1,14,966 महिला मतदाता 180 सर्विस वोटर और 10 ट्रांसजेंडर मतदाता हैं.


जीत या हार का बीजेपी पर असर नहीं


इस बार के चुनाव में बीजेपी की 199 सीटों में से 115 सीटों पर जीत हुई. इसलिए ये तो साफ है कि अगर बीजेपी इस सीट पर चुनाव हार भी जाती है तो राजस्थान की सियासत पर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है. हालांकि अक्सर ये देखा जाता है जिस भी पार्टी की सरकार बन चुकी होती है अक्सर उसी पार्टी के पक्ष में उप चुनाव के नतीजे आते हैं.


इस विधानसभा चुनाव में 199 में से 115 सीटों पर भारतीय जनता पार्टी ने बंपर जीत हासिल की थी. यानी यहां पर ये साफ है कि करणपुर विधानसभा सीट पर किसी भी पार्टी का उम्मीदवार जीते या हारे इसका राजस्थान की सियासत पर कोई असर पड़ते नहीं दिखाई देगा. 


क्या कहता है सीट की इतिहास


विधानसभा चुनाव 2018 में कांग्रेस के प्रत्याशी गुरमीत सिंह कुन्नर ने जीत हासिल की थी. निर्दलीय पृथीपाल सिंह संधू दूसरे तथा बीजेपी के सुरेन्द्रपाल सिंह टीटी तीसरे रहे थे. बता दें कि इस बार पृथीपाल सिंह संधू आम आदमी पार्टी से चुनाव लड़ रहे हैं. वहीं बीजेपी ने एक बार फिर सुरेन्द्रपाल सिंह टीटी पर ही दांव खेला है. गंगानगर जिले में कुल 6 विधानसभा सीटें हैं. चार सीटें यहां सामान्य वर्ग के लिए हैं वहीं 2 सीटें अनुसूचित जाति (SC) के लिए रिजर्व हैं.2013 के विधानसभा चुनाव में यहां बीजेपी को करीब 42 और कांग्रेस को करीब 40 फीसदी वोट मिले थे. इस वजह से बीजेपी की यहां 2013 में जीत हुई थी. बीजेपी प्रत्याशी सुरेंद्र पाल सिंह की यहां जीत हुई थी. 2008 सीट की बात करें तो गुरमीत सिंह कुन्नर की जीत हुई थी हालांकि उस समय उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा था.


क्या है कहता है चुनाव आयोग का नियम


चुनाव आयोग के नियमों की माने तो अगर किसी रजिस्टर्ड पार्टी के उम्मीदवार का निधन हो जाता है तो उस विधानसभा में चुनाव स्थगित कर दिया जाता है. इसके बाद एक तारीख तय होती है. और जिस पार्टी के प्रत्याशी के डेथ होती है उसे नया उम्मीदवार घोषित करना होता है. यहां आपको बता दें कि बाकी पार्टियों के उम्मीदवार पूर्व की भांति ही रहते हैं. 


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