Tonk: टोंक जिला अस्पताल में बदहाल व्यवस्थाओं की खुली पोल, जी मिडिया की खबर का हुआ असर
टोंक के सआदत अस्पताल में प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर बीएल मीणा की मनमानी और लापरवाही. जी राजस्थान न्यूज की सामाजिक सरोकार से जुड़ी इस खबर का जिलेभर में हर कोई जमकर सराहना कर रहा है, लेकिन चिकित्सा विभाग की ओर से अब तक कोई कार्रवाई नहीं करना बड़े सवाल खड़े कर रहा है.
Tonk: टोंक के सआदत अस्पताल में प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर बीएल मीणा की मनमानी और लापरवाही की खबरे सामने आने के बाद जी राजस्थान न्यूज की खबरों का दमदार असर देखने को मिला है. जिसके बाद जिला कलेक्टर चिनमयी गोपाल ने कार्यवाहक अतिरिक्त जिला कलेक्टर भारत भूषण गोयल के नेतृत्व में एक कमेटी गठित कर जांच रिपोर्ट पेश करने के आदेश जारी कर दिए गए है. इसके बाद आज अतिरिक्त जिला कलेक्टर भारत भूषण गोयल, टोंक तहसीलदार रामधन गुर्जर और सेवानिवृत तहसीलदार प्रहलाद सिंह के साथ अस्पताल का औचक निरीक्षण किया और डिजिटल भारत अभियान को शर्मशार करने वाली तस्वीरों को खुद अपनी आंखों से देखा. सैकड़ों की तादाद में लगी मरीज और तिमारदारों की कतारों को देखा, हाथ से पर्चियां लिख रहें पर्ची काउंटर पर कार्मिकों के हाथों की सूजी हुई अंगूलियों को देखा.
बदहाल स्थितियों को देखकर भड़के अतिरिक्त जिला कलेक्टर
बदहाल स्थितियों को देखकर अतिरिक्त जिला कलेक्टर भारत भूषण गोयल प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर बीएल मीणा की लापरवाहियों पर एक बारगी तो जमकर गुस्सा हुए, लेकिन उसके बाद मुख्यमंत्री चिरंजीवी योजना के पर्ची काउंटर पर पहुंचे तो कम्प्यूटर ऑपरेटरों को मोबाइल पर गम्पे लड़ाते देख तेवर कुछ और ज्यादा बिगड़ गए. जिसके बाद दोनों ऑपरेटरों से जब उनके दिनभर के काम काज की जानकारी जुटाई तो दोनों ऑपरेटर अपने ड्यूटी समय में मात्र 60 पर्चियों का आउटडोर का टारगेट पूरा करना बताया. इतना सुनते ही एडीएम भारत भूषण गोयल ने तुरंत एक ऑपरेटर को पर्ची काउंटर पर बैठने के निर्देश दे दिए. इसके साथ ही कई मरीजों ने एडीएम को अस्पताल में फैल रही अव्यवस्थाओं के बारे अपनी पीड़ा खुलकर सुनाई.
दवाओं का तो स्टॉक मिला खाली
इसके बाद एडीएम ने पीएमओ डॉक्टर बीएल मीणा से अस्पताल में नियुक्त नर्सिंगकर्मियों, वार्ड बॉय, हैल्परों,कम्प्यूटर ऑपरेटरों के बारे में जानकारी जुटाई तो, पीएमओ और डॉक्टर बीएल मीणा और उनके लेखाकार यह जानकारी भी एक घंटे तक उपलब्ध नहीं करवा पाए. इतना ही नहीं जब एडीएम गोयल स्टॉर रूम में जाकर निरीक्षण किया तो वहां कई दवाओं का तो स्टॉक मिला, लेकिन राज्य सरकार की स्वीकृत दवाओं में से करीब 200 दवाएं अस्पताल में उपलबंध ही नहीं मिली. जब इसके स्टॉक की जानकारी स्टॉर रूम इंचार्ज से ली तो वह भी बंगले झांकने लगे. इसके बाद अस्पताल में बढ़ रही अव्यवस्थाओं पर जमकर पटखार लगाते हुए व्यवस्थाएं सुधारने के निर्देश देकर चले गए...जब हमने अतिरिक्त जिला कलेक्टर भारत भूषण गोयल से पूरी अव्यवस्थाओं पर बातचीत करनी चाही तो, उन्होंने जिला कलेक्टर चिनमयी गोपाल के आदेशों पर निरीक्षण कर जांच रिपोर्ट तैयार करने की बात कह कर यह कह दिया कि अभी इस अस्पताल की व्यवस्थाएं सुधारने दिजिए. फिर इनका इलाज करने दिजिए..फिर तफ्सील से पूरी जानकारी देंगे.
इस तरह की व्यवस्थाओं को देखकर अंदाजा लगा सकते है कि जिले के इस सबसे बड़े एकमात्र सरकारी अस्पताल में व्यवस्थाएं किसके भरोसे चल रही है. मरीज और उनके परिजनों ने तो साफ तौर पर कहा कि फिलहाल तो व्यवस्थाएं रामभरोसे चल रही है. जी राजस्थान न्यूज की सामाजिक सरोकार से जुड़ी इस खबर का जिलेभर में हर कोई जमकर सराहना कर रहा है, लेकिन चिकित्सा विभाग की ओर से अब तक कोई कार्रवाई नहीं करना बड़े सवाल खड़े कर रहा है.
Reporter – Purshottam Joshi
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