डूंगरपुर से MGNREGA में आया चौंकाने वाला आंकड़ा, महिलाओं ने रोजगार में पुरुषों को छोड़ा पीछे
महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना आदिवासी (Mahatma Gandhi National Rural Employment Guarantee Act) बहुल डूंगरपुर जिले (Dungarpur) के लिए वरदान साबित हो रही है.
Dungarpur: महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना आदिवासी (Mahatma Gandhi National Rural Employment Guarantee Act) बहुल डूंगरपुर जिले (Dungarpur) के लिए वरदान साबित हो रही है. मनरेगा से जहां लाखों परिवारों को रोजगार मिला, तो वहीं कई परिवारों के लिए यह जीविकोपार्जन का जरिया भी बन गया.
मनरेगा (MGNREGA) से एक सबसे सुखद तस्वीर सामने आई है, इससे 88 फीसदी महिलाओं को रोजगार मिला है. गांव की सड़क बनानी हो या तालाब का सुदृढ़ीकरण या फिर समतलीकरण जैसे काम, महिलाएं बढ़-चढ़कर कर आगे आ रही हैं और काम कर रही हैं. किसी भी क्षेत्र की तस्वीर को बदलने में महिलाएं अहम भूमिका निभाती नजर आ रही हैं.
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राजस्थान (Rajasthan News) के दक्षिणांचल में स्थित आदिवासी बहुल डूंगरपुर जिले में मनरेगा योजना ही रोजगार का सबसे बड़ा जरिया है. साल 2005 से लागू इस योजना के बाद देखा गया है कि आदिवासी बहुल इलाकों में गुजरात और महाराष्ट्र में रोजगार के लिए होने वाले पलायन की संख्या कम हुई है.
वहीं लोगो को मनरेगा के जरिए रोजगार के बेहतरीन अवसर मिले हैं. जिले में मनरेगा में रोजगार के साथ ही इसमें काम करने वाले पुरुष व महिला श्रमिकों के आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो सबसे चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं.
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डूंगरपुर जिले में इस वर्ष 3 लाख 85 हजार 692 जॉब कार्डधारी है, जिसमें से अब तक 3 लाख 8 हजार 909 परिवारों को मनरेगा योजना के माध्यम से रोजगार मिला है. इसमें सबसे चौंकाने वाली तस्वीर है, मनरेगा योजना में 88 फीसदी महिलाएं रोजगार कर रही है. 2 लाख 71 हजार 624 महिलाओं ने मनरेगा योजना में काम किया, जबकि पुरुष श्रमिकों का आंकड़ा केवल 37 हजार 283 जो कुल आंकड़े का 12 प्रतिशत ही है.
ऐसे में मनरेगा योजना के तहत गांवो में हो रहे विकास कार्यों से महिलाओं ने गांवों की तस्वीर बदल दी है.
क्रम | वर्ष | रोजगार वाले परिवार | महिलाएं |
1. | 2019-20 | 282417 | 261908 (93प्रतिशत) |
2. | 2020-21 | 335522 | 314558 (94 प्रतिशत) |
3. | 2021-22 | 308909 | 271624 (88 प्रतिशत) |
इधर महिलाओं को मनरेगा योजना में घर पर ही रोजगार मिलने से उनके जीवन स्तर में भी सुधार हुआ है. महिलाओं को रोजगार मिलने से जहां महिलाएं सशक्त हुई है तो वहीं अब घर चलाने में वह आत्मनिर्भर होते हुए सहयोग कर रही है. इधर रोजगार के आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो आदिवासी परिवार रोजगार में भी पीछे नहीं रहे. 3 लाख 8 हजार 909 में से 2 लाख 28 हजार 374 आदिवासी परिवारों ने रोजगार किया है. एससी वर्ग से 8251 और अन्य वर्ग से 72 हजार 284 परिवारों ने काम किया.
डूंगरपुर जिले में मनरेगा योजना में 100 दिन का रोजगार पूरा करने में भी आदिवासी परिवार सबसे अव्वल रहा है. 1549 परिवारों ने इस साल में अब तक 100 दिन का रोजगार पूरा कर लिया है, जिसमें 1066 आदिवासी परिवार है जिन्होंने अपने 100 दिन पूरे किए है. एससी वर्ग के 49 परिवार और अन्य वर्ग के 434 परिवारों ने सौ दिन का रोजगार पूरा कर लिया है. कुल मिलाकर मनरेगा योजना डूंगरपुर जिले में महिलाओं के साथ अन्य श्रमिको को रोजगार के रूप में संबल दे रही है .
Report-AKHILESH SHARMA