दिल्ली ने पानी की किल्लत की समस्या के समाधान के लिए राजस्थान के आदिवासी बहुल डूंगरपुर जिले के जल संचय मॉडल (Water Harvesting Model) को लागू किया है.
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Dungarpur: देश की राजधानी दिल्ली (Delhi) ने पानी की किल्लत (Water Shortage) की समस्या के समाधान के लिए राजस्थान के आदिवासी बहुल डूंगरपुर जिले के जल संचय मॉडल (Water Harvesting Model) को लागू किया है. करीब 10 महीने तक डूंगरपुर के जल संचय मॉडल का अध्ययन करने के बाद दिल्ली सरकार ने ये फैसला ले लिया है. दिल्ली सरकार (Delhi Government) का मानना है कि डूंगरपुर मॉडल को लागू कर दिल्ली में पानी की समस्या का समाधान हो सकता है. पिछले साल नवम्बर में दिल्ली के जलमंत्री (water minister) ने डूंगरपुर आकर जल संचय मॉडल का अवलोकन किया था.
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प्रदेश के डूंगरपुर जिले की नगरपरिषद के जल संचय और जल संरक्षण (water conservation) के मॉडल का डंका राजधानी दिल्ली में बजा है. इसके पीछे 5 साल की मेहनत है. दरअसल डूंगरपुर में नगर परिषद के निवर्तमान सभापति केके गुप्ता (KK Gupta) द्वारा वर्ष 2016 से वर्ष 2020 तक शहर में जल संचय व जल संरक्षण अभियान चलाया गया. अभियान के तहत वाटर हार्वेस्टिंग (Water Harvesting) के लिए नवाचार किया गया, जिससे शहर का भूजल स्तर तेजी से बढ़ने लगा. दरअसल वाटर हार्वेस्टिंग के लिए अब तक जो तरीके अपनाए जाते आए है, उसमें भवनों की छतों का पानी जमीन में एक गड्ढा खोदकर उसमे छोड़ा जाता है और उस गड्ढे से पानी धीरे-धीरे जमीन में उतरता है. यंहा पर पानी को गड्ढों में छोड़ने के बजाय सीधे बोरिंग के जरिए जमीन में उतारा गया. अभियान के तहत लोगों को घरों में वाटर हार्वेस्टिंग के लिए जागरूक किया गया और घरों की छतों का पानी घर में लगे बोरिंग अथवा मोहल्ले में लगे हैंडपंपों के जरिेए जमीन में उतारा गया. पानी के साथ कचरा जमीन में नहीं जाए, इसके लिए पाइप में एक फ़िल्टर भी लगाया गया. परिणामस्वरूप शहर का भूजल स्तर तेजी से बढ़ा. लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए नगर परिषद ने वाटर हार्वेस्टिंग लगवाने वाले को सब्सिडी ओर अन्य रियायते भी दी.
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डूंगरपुर के जल संचय मॉडल की जानकारी मिलने के बाद नवंबर 2020 में दिल्ली के जलदाय एवं स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन (Water and Health Minister Satyendar Jain) अपने इंजीनियरों की टीम के साथ डूंगरपुर पहुंचे और तत्कालीन सभापति केके गुप्ता से मिलकर डूंगरपुर मॉडल का अध्ययन किया. इसके बाद मंत्री जैन ने इस मॉडल की तारीफ करते हुए कहा था कि वाटर हार्वेस्टिंग के जो तरीके अब तक अपनाए जा रहे है वो काफी महंगे है. जबकि इस मॉडल के जरिए कम खर्च में घर की छत का पानी सीधे जमीन में उतारा जा सकता है. करीब 10 माह के अध्ययन के बाद अब दिल्ली सरकार ने डूंगरपुर मॉडल को दिल्ली में लागू करने की घोषणा की. केजरीवाल सरकार अब रूफटॉप रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने वालों को 50000 रुपये तक की वित्तीय सहायता देगी. साथ ही पानी के बिलों पर 10 फ़ीसदी की छूट भी देगी.
आज के भौतिक युग में जल की महत्वत्ता बढ़ गई है, जिसका कारण हम जमीन के पानी का उपयोग तो कर रहे है पर जमीन को कुछ दे नहीं रहे है,अगर हम जमीन के पानी का इसी तरह उपयोग करते रहे तो वो दिन दूर नहीं जब इस धरती पर पानी ही नहीं रहेगा. ऐसे में वर्षा के जल को सहेजते हुए भू-जल स्तर (Groundwater level) को बढ़ाने की दिशा में डूंगरपुर जल संचय मॉडल इस परेशानी को दूर किया जा सकता है.
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बहराल दिल्ली सरकार ने डूंगरपुर जल संचय व जल संरक्षण के मॉडल को दिल्ली में लागू कर दिया है. वहीं, जरूरत है की राजस्थान सरकार भी इस मॉडल को अपनाते हुए प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में पानी की समस्या का समाधान करते हुए आमजन को राहत दे.
Report-AKHILESH SHARMA