Israel Hamas War: अदन की खाड़ी (Gulf of Aden) में चंद रोज पहले अमेरिकी जहाज पर हुए मिसाइल अटैक का बदला पेंटागन ने ले लिया है. इससे पहले 19 जनवरी को, अमेरिकी सेंट्रल कमांड बलों ने हूतियों पर हमला किया था, जो लाल सागर में अमेरिकी हितों को चोट पहुंचाना चाह रहे थे. आपको बताते चलें कि अमेरिकी शिप पर अटैक के फौरन बाद हूतियों ने हमले जिम्मेदारी लेते हुए गाजा की अपनी कौम के साथ सहानुभूति रखते हुए आगे भी ऐसे हमलों को अंजाम देने की गीदड़भभकी दी थी. अब अमेरिका ने जबरदस्त पलटवार करते हुए अपने अंदाज में बदला लिया है. 


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हूती के खिलाफ हमले जारी रहेंगे: बाइडेन


अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने हाल ही में कहा कि हूती के खिलाफ सैन्य हमले जारी रहेंगे. क्योंकि विद्रोही समूह अभी भी लाल सागर में जहाजों पर हमला कर रहा है. वाशिंगटन ने 17 जनवरी को हूती को 'आतंकवादी संगठन' के रूप में फिर से नामित करते ही उसी दिन उसकी 14 मिसाइलों को मार गिराया था.


वैश्विक व्यापार पर पड़ा असर


अमेरिका का ये एक्शन लाल सागर और अदन की खाड़ी में तेजी से बढ़े तनाव के बीच हुआ है. जिससे वैश्विक व्यापार में बाधा पैदा हुई है. दुनिया के एक बड़े हिस्से की सप्लाई चैन प्रभावित होने का खतरा बढ़ गया है. इस रूट से समय की बचत होती है. सामान एक देश से दूसरे देश में पहुंचाने में आसानी होती है. पूरे क्षेत्र में समुद्री लुटेरे बनकर मंडरा रहे हूती के आतंकवादियों ने इजरायल के सपोर्ट के नाम पर दुनिया के कई देशों से सीधा पंगा ले लिया है. ऐसे में क्षेत्रीय शांति प्रभावित होने का खतरा बढ़ गया है.


अमेरिका के रक्षा मंत्रालय की सेंट्रल कमांड ने X पर जारी किए एक बयान में कहा, 'अमेरिकी व्यापारी जहाजों और अमेरिकी नौसेना के जहाजों पर हमला करने की तैयारी थी ऐसे में हमने अपनी आत्मरक्षा में हमारी ओर बढ़ रही मिसाइल को नष्ट कर दिया.'



युद्ध की ओर बढ़ रही दुनिया!


अमेरिकी फौजियों पर हाल ही में एक हमला ईराक में हुआ. ईरान समर्थित आतंकी संगठन ने इजरायल और अमेरिका को निशाना बनाया. ऐसे में लगता है कि इजरायल-हमास युद्ध की जंग की लपटें धीरे धीरे पूरी दुनिया में फैल रही है. शनिवार को पश्चिमी इराक में अमेरिकी की अगुवाई वाली गठबंधन सेना द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले एक सैन्य अड्डे को निशाना बनाकर मिसाइलें दागी गईं. इस हमले में इजरायली खुफिया एजेंसी के लोगों को टारगेट किया गया था. इसके साथ अल-असद एयरबेस पर 15 रॉकेट दागे गए. अमेरिकी एयर डिफेंस सिस्टम ने 13 रॉकेट हवा में नस्ट कर दिए. लेकिन दो फिर भी एयरबेस पर गिरे.



आपको बताते चलें कि इजरायल और फिलिस्तीनी आतंकी संगठन हमास के बीच युद्ध छिड़ने के बाद से धरती से लेकर समंदर तक अमेरिकी फौज को निशाना बनाया जा रहा है. लाल सागर, इराक और सीरिया में अमेरिका और उसकी गठबंधन सेना पर दर्जनों हमले हुए हैं.


'इस्लामिक रेसिस्टेंस इन इराक' नामक संगठन ने अमेरिकी सैनिकों को निशाना बनाकर किए गए सभी हमलों की जिम्मेदारी ली है. 'इस्लामिक रेसिस्टेंस इन इराक'  ईरान से जुड़े सशस्त्र समूहों का गठबंधन है जो गाजा युद्ध में इजरायल को अमेरिकी समर्थन का विरोध कर रहा है.