दुनिया धौंस दिखाती रही, ईरान ने चुपके से 60Kg का सैटेलाइट अंतरिक्ष में भेजा, जब पता चला तो हर कोई हक्का-बक्का
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दुनिया धौंस दिखाती रही, ईरान ने चुपके से 60Kg का सैटेलाइट अंतरिक्ष में भेजा, जब पता चला तो हर कोई हक्का-बक्का

Chamran-1: ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड ने Qaem-100 रॉकेट का इस्तेमाल करके अपने चमरान-1 (Chamran-1) रिसर्च सैटेलाइट को सफलतापूर्वक ऑर्बिट में प्रक्षेपित कर दिया है. जबसे यह सूचना मिली है अमेरिका समेत कई देशों को यह बात पच ही नहीं रही है.

दुनिया धौंस दिखाती रही, ईरान ने चुपके से 60Kg का सैटेलाइट अंतरिक्ष में भेजा, जब पता चला तो हर कोई हक्का-बक्का

Iran successfully launched satellite: ईरान अपने पूर्व राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की मौत के बाद और इजरायल-हमास के जंग के बीच खुद को ताकतवर बनाने में लगा हुआ है. तभी तो पूरी दुनिया के धौंस के बाद भी उसने अर्धसैनिक बल रिवॉल्यूशनरी गार्ड द्वारा बनाए गए एक रॉकेट से शनिवार को एक उपग्रह अंतरिक्ष में भेज दिया. 

पश्चिमी देशों को डर
पश्चिमी देशों को आशंका है कि इससे ईरान को अपने बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम पर आगे बढ़ने में मदद मिल सकती है. ईरान ने बताया कि रॉकेट के जरिए उपग्रह को कक्षा में स्थापित करने वाला यह उसका दूसरा प्रक्षेपण है. वैज्ञानिकों ने बाद में प्रक्षेपण की पुष्टि की तथा बताया कि उपग्रह कक्षा में पहुंच गया है.

ईरान ने कबूला सच
ईरानी मीडिया की ओर से बाद में साझा किए गए वीडियो में नजर आ रहा है कि एक 'मोबाइल लांचर' की मदद से रॉकेट प्रक्षेपण किया गया. 'एसोसिएटेड प्रेस' ने बाद में जारी वीडियो और अन्य तस्वीरों का विश्लेषण करने के बाद बताया कि ईरान की राजधानी तेहरान से लगभग 350 किलोमीटर (215 मील) पूर्व में शाहरूद शहर के बाहरी इलाके से यह प्रक्षेपण किया.

ईरान चुपके से बनाता रहा सैटेलाइट
इजराइल-हमास युद्ध को लेकर पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव के बीच ईरान ने यह प्रक्षेपण किया है. युद्ध के दौरान ईरान ने इजराइल पर मिसाइल और ड्रोन हमले किए. इस बीच, ईरान का परमाणु हथियारों के निर्माण के लिए जरूरी यूरेनियम संवर्धन कार्यक्रम लगातार जारी है. तेहरान के इस कार्यक्रम को लेकर निरस्त्रीकरण विशेषज्ञों ने चिंता जताई है.

उपग्रह का वजन 60 किलोग्राम 
ईरान ने बताया कि उपग्रह के प्रक्षेपण के लिए ‘कायम-100’ रॉकेट का इस्तेमाल किया गया और रिवॉल्यूशनरी गार्ड ने जनवरी में एक अन्य सफल प्रक्षेपण के दौरान इसका इस्तेमाल किया था. सरकारी मीडिया ने अपनी खबर में बताया कि चमरान-1 नामक इस उपग्रह का वजन 60 किलोग्राम है और इसे कक्षा में स्थापित किया गया है.

अमेरिका ने जताया विरोध
अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने इस प्रक्षेपण के संबंध में कहा, "हम लंबे समय से यही चिंता जता रहे हैं कि ईरान के अंतरिक्ष प्रक्षेपण यान कार्यक्रम से लंबी मारक क्षमता वाली मिसाइल प्रणालियों का विस्तार करने में उसको मदद मिलेगी.’’इनपुट भाषा से भी

 

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