हिंद- प्रशांत में चीन के खिलाफ मजबूत होगी मोर्चाबंदी, मैक्रों की विजिट से इन अहम रक्षा समझौतों पर बनेगी बात!
Emmanuel Macron India Visit 2024: हिंद- प्रशांत में आक्रामक नीतियों को आगे बढ़ा रहे चीन को काउंटर करने के लिए भारत- फ्रांस लगातार रक्षा संबंध मजबूत कर रहे हैं. अब फ्रांसीसी राष्ट्रपति के भारत दौरे से कई नए रक्षा समझौतों पर बात बनने की उम्मीद जताई जा रही है.
India France Defense Relations: फ्रांस के राष्ट्रपति इमेनुअल मैक्रों की भारत यात्रा में रक्षा सौदों पर चर्चा पर ज़ोर रहने की संभावना है. फ्रांस और भारत पिछले दशक में महत्वपूर्ण रणनैतिक साझेदार बनकर उभरे हैं. संभावना है कि इस यात्रा में नौसेना के लिए रफ़ाल फ़ाइटर जेट, तीन कलवरी क्लास सबमरीन और फ़ाइटर जेट इंजन के बारे में महत्वपूर्ण फैसले लिए जाएं.
फ्रांस के साथ बढ़ रहे भारत के रक्षा संबंध
भारत ने पिछले दशक का अपना सबसे बड़ा रक्षा सौदा फ्रांस के ही साथ किया था. भारतीय वायुसेना के लिए 36 रफ़ाल फ़ाइटर जेट खरीदने के फैसले के बाद भारत ने फ्रांस के साथ कई महत्वपूर्ण खरीद पर चर्चा जारी रखी है. भारतीय नौसेना को अपने पहले स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रांत के लिए फ़ाइटर जेट चाहिए और पिछले साल जुलाई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फ्रांस यात्रा में इसके लिए रफ़ाल का नौसैनिक संस्करण खरीदने की घोषणा भी कर दी गई थी.
संभावना है कि मैक्रों की भारत यात्रा के बाद इस सौदे की समय सीमा के बारे में कोई घोषणा की जाए. आईएनएस विक्रांत नौसेना में शामिल हो चुका है लेकिन अभी उसके डेक से मिग-29 ही उड़ान भर रहे हैं जो भारतीय नौसेना ने रूस से आए एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रमादित्य के लिए खरीदे थे.
भारतीय नौसेना के लिए बनाई जा रही फ्रेंच सबमरीन
भारतीय नौसेना के लिए सबसे आधुनिक कलवरी क्लास सबमरीन सौदे में तीन अतिरिक्त सबमरीन बनाने के बारे में कोई बड़ी घोषणा की संभावना है. भारत का मझगांव डॉकयार्ड फ्रांस के सहयोग से 6 कलवरी क्लास सबमरीन बना रहा है जिनमें से पांच तैयार हो चुकी है. भारत ने फ्रांस के साथ इसी तरह की 3 और सबमरीन बनाने के समझौते के साथ चर्चा शुरू की है. अगर इस यात्रा में इस सौदे की समय सीमा निर्धारित हो जाती है तो अगले तीन साल में भारतीय नौसेना को ये सबमरीन मिलनी शुरू हो जाएगी.
भारी हेलीकॉप्टर इंजन पर भी आगे बढ़ेगी बात
फ्रांस ने भारत के साथ भारी हेलीकॉप्टर इंजन बनाने के समझौते पर भी बात शुरू की है. ये इंजन फ्रांस की तकनीक से हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड बनाएगा. इन इंजनों का इस्तेमाल स्वदेशी भारी हेलीकॉप्टर में किया जाना है जिसे विकसित किया जा रहा है. इसके अलावा चर्चा जेट इंजन के समझौते की भी हो रही है. भारत को अगले दशक में एक हज़ार तक फ़ाइटर जेट इंजन की ज़रूरत पड़ सकती है.
हिंद- प्रशांत में चीन के खिलाफ मजबूत होगी मोर्चाबंदी
भारत तेजस मार्क 2, एडवांस मीडियम कॉम्बेट एयरक्राफ्ट, नौसेना के लिए दो इंजन वाला फ़ाइटर जेट बनाने की तैयारी में है. इन सबसे लिए उसे बेहतर इंजन की ज़रूरत है जिसके लिए फ्रांसीसी कंपनी सफरान से चर्चा चल रही है. संभावना ये भी है कि दोनों देश हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के खिलाफ़ मोर्चेबंदी के लिए साझा सैनिक अभ्यासों को बढ़ाने पर चर्चा करें.