RML अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टरों ने कोवैक्सीन पर जताया संदेह, कोविशील्ड लगाने की अपील
राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) अस्पताल के ‘रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन’ (आरडीए) ने उन्हें ऑक्सफोर्ड द्वारा विकसित कोविड-19 का टीका कोविशील्ड लगाये जाने का शनिवार को चिकित्सा अधीक्षक से अनुरोध किया.
नई दिल्ली: राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) अस्पताल के ‘रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन’ (आरडीए) ने उन्हें ऑक्सफोर्ड द्वारा विकसित कोविड-19 का टीका कोविशील्ड लगाये जाने का शनिवार को चिकित्सा अधीक्षक से अनुरोध किया. आरडीए ने चिकित्सा अधीक्षक को लिखे एक पत्र में कहा कि रेजीडेंट डॉक्टरों को कोवैक्सीन को लेकर कुछ संदेह है और वे लोग बड़ी संख्या में टीकाकरण अभियान में हिस्सा नहीं लेंगे और इस कारण शनिवार से देश में शुरू हुए टीकाकरण अभियान के उद्देश्य की पूर्ति नहीं हो सकेगी.
कोविशील्ड को मिले प्राथमिकता:आरडीए
पत्र में कहा गया है, 'हमें पता चला है कि आज अस्पताल द्वारा कोविड-19 टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है. कोवैक्सीन को भारत बायोटेक ने बनाया है और इसकी जगह, सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा निर्मित कोविशील्ड को हमारे अस्पताल में प्राथमिकता दी जा रही है.' आरएमएल अस्पताल में कोविड-19 का पहला टीका एक सुरक्षा गार्ड को लगाया गया है.
Coronavirus Vaccination अभियान: जानिए कौन है वो खुशनसीब इंसान जिसे लगा कोरोना का सबसे पहला टीका?
एम्स में लगी पहली वैक्सीन
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में आज 16 जनवरी को राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान की शुरुआत हुई. यहां अस्पताल के एक सफाईकर्मी मनीष कुमार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन की उपस्थिति में कोविड-19 का पहला टीका लगाया गया. मनीष देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना का टीका लगवाने वाले पहले शख्स बन गए हैं. वैक्सीन लगवाने के बाद मनीष कुमार (Manish Kumar) ने कहा, 'अफवाहों पर ध्यान न दें. कोरोना का टीका मैंने लगवाया है. मैं ठीक हूं और ये टीका सुरक्षित है.'
केंद्र सरकार उठाएगी वैक्सीन लगाने का खर्च
सरकार के अनुसार, लगभग एक करोड़ स्वास्थ्य कर्मचारियों और दो करोड़ फ्रंटलाइन कर्मियों को पहले टीके लगाए जाएंगे, उसके बाद 50 साल से अधिक उम्र के व्यक्तियों को और फिर 50 साल से कम उम्र के मरीजों को टीके लगाए जाएंगे. स्वास्थ्य और फ्रंटलाइन कर्मियों के टीकाकरण की लागत केंद्र सरकार वहन करेगी.