नई दिल्ली: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की उच्च स्तरीय बैठक में भारत ने दो टूक कहा है कि आतंकवाद किसी भी रूप में और इसका दोहरा चरित्र बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. UNSC में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आतंकवादी गतिविधियों द्वारा अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए खतरों विषय पर बोलते हुए कहा, कुछ देश ऐसे हैं जो आतंकवाद के खिलाफ काम करने के सामूहिक प्रयास को कमजोर कर रहे हैं.


अफगानिस्तान की घटना ने दुनिया की चिंता बढ़ाई


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

UNSC में विदेश मंत्री ने कहा, हमारे पड़ोस में आईएसआईएल खुरासन (ISIL Khurasan) और एक्टिव हो गया है. ये लगातार अपने पैर फैलाने की कोशिश कर रहा है. उन्होंने कहा, अफगानिस्तान में घटित घटनाओं ने स्वाभाविक रूप से वैश्विक चिंताओं को बढ़ा दिया है. भारत, आतंकवाद से संबंधित चुनौतियों और नुकसान से सबसे ज्यादा प्रभावित रहा है. जयशंकर ने कहा, दुनिया को आतंकवाद की बुराई से कभी समझौता नहीं करना चाहिए.


 



 


आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को कमजोर करने की कोशिश


भारत का रुख स्पष्ट करते हुए जयशंकर ने कहा, भारत मानता है कि आतंकवाद को किसी धर्म, राष्ट्रीयता, सभ्यता या जातीय समूह से नहीं जोड़ा जाना चाहिए. आतंकवाद के सभी रूपों, अभिव्यक्तियों की निंदा की जानी चाहिए, इसे किसी भी तरह न्यायोचित नहीं ठहराया जा सकता. उन्होंने कहा, कुछ ऐसे देश हैं जो आतंकवाद से लड़ने के हमारे सामूहिक संकल्प को कमजोर करते हैं, इसकी अनुमति नहीं दी जा सकती.


यह भी पढ़ें: J&K: अपनी पार्टी के नेता की हत्‍या, उमर अब्‍दुल्‍ला बोले- नया चलन खतरनाक


कमजोर युवाओं का कट्टरपंथी गतिविधियों में शामिल होना चिंता का विषय


विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, आईएसआईएस का वित्तीय संसाधन जुटाना और अधिक मजबूत हुआ है. हत्याओं का इनाम अब बिटकॉइन के रूप में भी दिया जा रहा है. व्यवस्थित ऑनलाइन प्रचार अभियानों के जरिए कमजोर युवाओं को कट्टरपंथी गतिविधियों में शामिल करना गंभीर चिंता का विषय बना हुआ है.


LIVE TV