संभल में मिला पूरा शिव परिवार... CM योगी बोले- बाबरनामा भी कहता है मंदिर तोड़ ढांचा खड़ा हुआ
उत्तर प्रदेश के संभल में 14 दिसंबर को खुलवाए गए मंदिर के पास कुएं की खुदाई में तीन खंडित मूर्तियां मिली हैं. बताया जा रहा है कि ये मूर्ति माता पार्वती, मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की हैं. इससे पहले मंदिर में शिवलिंग और भगवान हनुमान और भगवान कार्तिकेय की मूर्ति के अलावा नंदी की प्रतिमा मिली थी.
Sambhal Shivling: उत्तर प्रदेश के संभल में 14 दिसंबर को खुलवाए गए मंदिर के पास कुएं की खुदाई में तीन खंडित मूर्तियां मिली हैं. अधिकारियों ने बताया कि कुएं की खुदाई के दौरान करीब 15 से 20 फीट पर खंडित हो चुकी ये मूर्तियां निकली हैं, जिनकी लंबाई करीब 7 से 8 इंच हैं. बताया जा रहा है कि ये मूर्ति माता पार्वती, मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की हैं. इससे पहले मंदिर में शिवलिंग और भगवान हनुमान और भगवान कार्तिकेय की मूर्ति के अलावा नंदी की प्रतिमा मिली थी. उधर, उत्तर प्रदेश विधानसभा सत्र को संबोधित करते हुए सीएम योगी ने कहा कि सत्य को बहुत देर तक कोई छुपा नहीं सकता. उसी सत्य के बारे में कहा जा रहा है. ये तो बाबरनामा भी कहता है कि मंदिर तोड़कर ढांचा खड़ा हुआ.
46 साल बाद मंदिर खोला गया
श्री कार्तिक महादेव मंदिर (भस्म शंकर मंदिर) को 14 दिसंबर को पुनः खोल दिया गया था, जब अधिकारियों ने कहा था कि अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान उन्हें यह ढांचा मिला था. मंदिर में भगवान हनुमान की मूर्ति और शिवलिंग स्थापित था. यह 1978 से बंद था, जिसे 46 साल बाद खोला गया है. मंदिर के पास एक कुआं भी है, जिसे अधिकारियों ने फिर से खोलने की योजना बनाई थी. मौके पर मौजूद संजीव शर्मा ने बताया कि कुंए में देवी लक्ष्मी की एक क्षतिग्रस्त मूर्ति मिली है. उनके अनुसार देवी पार्वती और भगवान गणेश की भी एक मूर्ति मिली है. सतेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि माता पार्वती की मूर्ति कुएं में 15-20 फुट की गहराई पर मिली.
जय श्री राम कैसे सांप्रदायिक हो सकता है?
संभल घटना का जिक्र करते हुए सीएम योगी ने कहा कि हर व्यक्ति जानता है अदालत के आदेश के बाद सर्वे का कार्य हो रहा था. मैं आपसे पूछना चाहता हूं कि, पता नहीं आप कैसे हैं, आपके पूर्वज भी हो सकते हैं....और पश्चिम उत्तर प्रदेश में सामान्य बातचीत में भी राम-राम बोलते हैं तो 'जय श्री राम' कैसे सांप्रदायिक संबोधन हो गया. हम लोग जपते, मिलते हैं तो राम-राम का संबोधन होता है. अंतिम यात्रा में भी हम राम नाम सत्य है बोलते हैं.
मंदिर के ऊपर लिखा गया संभलेश्वर महादेव मंदिर
संभल में 14 दिसंबर को खुलवाए गए मंदिर के ऊपर आज मंदिर का नाम लिखा गया है. मंदिर के ऊपर संभलेश्वर महादेव मंदिर लिखा गया है. ये मंदिर स्थानीय समुदाय के लिए आस्था केंद्र है. मंदिर को 14 दिसंबर को जिला प्रशासन ने अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान फिर से खुलवाया था. उस वक्त ये मंदिर बिखरा हुआ था. मंदिर के आसपास का इलाका अतिक्रमण से घिरा हुआ था. प्रशासन ने सख्त कदम उठाते हुए अतिक्रमण हटाया और मंदिर के दरवाजे श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए.
अब, मंदिर के मुख्य द्वार के पास संभलेश्वर महादेव मंदिर का नाम लिखा जा चुका है, जिससे श्रद्धालुओं को मंदिर की पहचान स्पष्ट रूप से मिल सके. स्थानीय प्रशासन और धार्मिक संगठनों ने इस काम में सहयोग किया है. मंदिर से जुड़े धार्मिक और सांस्कृतिक पहलुओं को भी फिर से पुनर्जीवित करने की कोशिश की जा रही है. श्रद्धालु इस पहल का स्वागत कर रहे हैं और इसे धार्मिक धरोहर को संरक्षित करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम बता रहे हैं.
मंदिर में दशकों बाद किया गया रुद्राभिषेक
संभल के दीपा सराय में 46 साल से बंद मिले शिव मंदिर में सोमवार को तीसरे दिन भगवान शिव का जलाभिषेक कर आरती की गई. इसके बाद हनुमान जी की आरती भी की गई. वही मंदिर में भक्तों की भीड़ जुटना भी शुरू हो गई है. मंदिर अब अपने पुराने स्वरूप में दिखाई देने लगा है और यहां पूजा पाठ शुरू किया गया है. मंदिर में पूजा-अर्चना किए जाने का वीडियो भी सामने आया है. इससे पहले रविवार को भी भक्तों को इस मंदिर में पूजा करते हुए देखा गया था.
प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में जब मंदिर के दरवाजे खोले गए तो देखा कि अंदर धूल जम चुकी है. ऐसे में पुलिसकर्मियों ने खुद ही हाथों से शिवलिंग और अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियां साफ की. मंदिर खोले जाने का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ. मंदिर के अंदर भगवान शिव, नंदी, हनुमान और कार्तिकेय की पुरानी मूर्तियां मिली हैं. इसके अलावा यहां पर एक कुआं भी मिला है.
(इनपुट- न्यूज़ एजेंसी भाषा और आईएएनएस)