Earthquake bomb syria video: सीरिया पर इजराइल का कहर बढ़ता जा रहा है. अब इजराइल ने सीरिया पर भूकंप बम गिराकर इसकी धरती को दहला दिया है.
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Israel Syria War: सीरिया में राष्ट्रपति बशर अल-अशद की सरकार गिरने और विद्रोहियों के कब्जा करने के बाद से इजराइल का कहर बरपाना जारी है. इजराइल सीरिया पर जमकर बमबारी कर रहा है. सीरिया के सैन्य ठिकानों को ध्वस्त कर रहा है ताकि सीरिया की सेना के खतरनाक हथियार विद्रोहियों के हाथ नहीं लगे. साथ ही विद्रोहियों की नाक में दम करने के हरसंभव प्रयास कर रहा है. इस बीच इजराइल ने सीरिया की धरती को कंपाने के लिए एक नया प्रयोग किया. जिसने सीरिया को भूकंप की तरह झटके दिया.
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गिराया भूकंप बम, रेक्टर पैमाने पर तीव्रता 3.0
इजरायल ने सीरिया के 23वीं एयर डिफेंस ब्रिगेड के बेस और पास की सुविधाओं को तबाह कर दिया है. इसके साथ ही भूकंप बम कहे जाने वाले बेहद शक्तिशाली बम गिराए. ये धमाके इतने तेज थे कि इससे सीरिया की धरती कांप उठी. यहां तक कि रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 3.0 मापी गई. इसने सीरियाई लोगों को हिला दिया.
The Target of tonight’s Israeli Strikes near the City of Tartus in Western Syria is reported to have been the Base of the 23rd Air Defense Brigade as well as Surface-to-Surface Missile Warehouses, which is likely what caused several of the Large Explosions. pic.twitter.com/gFUbu7aRZg
— OSINTdefender (@sentdefender) December 16, 2024
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हिजबुल्लाह तक ना पहुंच पाएं हथियार
इजराइल के सीरिया पर बमबारी करने के पीछे अपने सुरक्षा कारण हैं. दरअसल, हिजबुल्लाह असद सरकार का समर्थक रहा है और उसने विद्रोहियों से लड़ने के लिए अपने हजारों लड़ाके सीरिया भेजे हैं. जब से असद भागकर रूस गए हैं, हिजबुल्लाह ने यह कहना शुरू कर दिया है कि वह विद्रोहियों के खिलाफ जंग जारी रखेगा. ऐसे में इजराइल को डर है कि कहीं सीरिया की सरकार के सैन्य ठिकानों पर रखे खतरनाक अत्याधुनिक और ताकतवर हथियार हिजबुल्लाह जैसे समूहों के हाथ ना लग जाएं. इसलिए इजराइल इन सैन्य ठिकानों को नष्ट करने में जुटा है.
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू कह चुके हैं कि इन हमलों का उद्देश्य सुरक्षा खतरों को विफल करना और इजराइल की उत्तरी सीमा पर स्थिरता बनाए रखना है. बता दें कि डेढ़ दशक से सीरिया में गृहयुद्ध चल रहा था. जिसका हाल ही में अंत हुआ है. इस लड़ाई में 5 लाख से ज्यादा लोग मारे गए. सीरिया की सत्ता पर विद्रोहियों का कब्जा होने से इजरायल की चिंता में है. इसी के चलते वह सीरिया के साथ सीमा पर स्थित गोलान हाइट्स में भी अपना नियंत्रण मजबूत करने के लिए पूरी ताकत लगा रहा है.