सुरक्षा एजेंसियों ने भारत-नेपाल बॉर्डर पर बढ़ती जिहादी गतिविधियों को चिंता जताई है. भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक पिछले कुछ महीनों में भारत-नेपाल बॉर्डर आतंकियों के लिए शेल्टर जोन के रूप में उभरा है जो कि आतंकियो के लिए ट्रांजिट पॉइंट और जिहादी गतिविधियों का अड्डा बनता जा रहा है.


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एजेंसियों के मुताबिक नेपाल में सक्रिय एक NGO को पाकिस्तान, तुर्की, सऊदी अरब और कतर जैसे देशों से काफी फंडिंग मिल रही है. सूत्रों के मुताबिक, इसके जरिये नेपाल-भारत सीमा पर मदरसों और मस्जिदों का निर्माण किया जा रहा है.


सुरक्षा एजेंसियों को इस बात की भी चिंता है कि भारत-नेपाल सीमा खुली होने का फायदा जिहादी और आतंकी उठा सकते हैं. पाकिस्तान की ISI नेपाल में काफी सक्रिय है और भारत-नेपाल की खुली सीमा होने की वजह से आतंकियों के लिए भारतीय सीमा में घुसपैठ कराने की साजिश रच सकता है.


हाल ही में दिल्ली में हुई DGP/IGP कॉन्फ्रेंस के दौरान भी भारत-नेपाल सीमा पर जिहादी गतिविधियों को लेकर चिंता जाहिर की गई थी. इस कांन्फ्रेंस में बताया गया था कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी पाकिस्तान में मौजूद खालिस्तानी आतंकियों को मदद पहुंचा रही है. 


ये भी कहा गया कि पाकिस्तानी एजेंसी आईएसआई इन आतंकियों तक ब्लैक मार्केट से हथियार खरीदकर इन तक अमेरिकी हथियार पहुंचा रही है. हथियारों की खरीदारी अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बॉर्डर पर मौजूद ब्लैक मार्केट से की जा रही है. हालांकि, सुरक्षा एजेंसियों द्वारा जताई गई चिंता गंभीर हो सकती है. यही कारण है कि आसपास के इलाकों में निगरानी बढ़ा दी गई है.


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