नई दिल्ली: देश में बुजुर्गों की आबादी (Senior Citizens Population) साल 1961 से लगातार बढ़ रही है. आंकड़ों के मुताबिक साल 2021 में बुजुर्गों की संख्या 13.8 करोड़ पर पहुंच गयी है. सीनियर सिटिजंस की आबादी बढ़ने की वजह मृत्यु दर ( Death Rate) में कमी आना बताई गई है. राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) की एक स्टडी में ये आंकड़े सामने आये हैं.


अगले दशक का पूर्वानुमान


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

अध्ययन में यह भी पाया गया कि पिछले 2 दशक (2021 तक) में वृद्ध पुरुषों की संख्या महिलाओं से अधिक रही है. लेकिन अब यह अनुमान लगाया गया है कि 2031 में बुजुर्ग महिलाओं की संख्या बुजुर्ग पुरुषों से अधिक होगी. इस अध्यन में 60 वर्ष या उससे अधिक उम्र वाले लोगों को बुजुर्ग माना गया है.


एनएसओ ने 'भारत में बुजुर्ग 2021' के शीर्षक से जारी स्टडी रिपोर्ट में में कहा, 'भारत में 2011-2036 तक की आबादी के अनुमान पर जारी तकनीकी समूह की रिपोर्ट के मुताबिक, फिलहाल 2021 में देश में करीब 13.8 करोड़ बुजुर्ग हैं, जिनमें 6.7 करोड़ पुरुष और 7.1 करोड़ महिलाएं शामिल हैं.'


ये भी पढ़ें- Afghanistan: नरकों जैसी यातना भोगने पर मजबूर थीं महिलाएं, क्‍या फिर लौट आएंगे Talibani शासन के वो काले दिन?


पिछले दशक से तुलना


अध्ययन में कहा गया है कि 2011 में भारत में बुजुर्गों की आबादी 10.38 करोड़ थी, जिसमें 5.28 करोड़ पुरुष और 5.11 करोड़ महिलाएं शामिल थीं. वही साल 2031 में बुजुर्गों की संख्या 19.38 करोड़ पर पहुंचने का अनुमान है. इसमें 9.29 करोड़ बुजुर्ग पुरुष और 10.09 करोड़ बुजुर्ग महिलाएं शमिल होंगी. जबकि देश की आबादी 2011 से 2021 के बीच 12.4% बढ़ गई. जबकि इस दौरान बुजुर्गों संख्या 35.8% बढ़ी.


ये भी पढ़ें- जबरन धर्मांतरण से UP में बदली थी पहचान, यूं हुई Jhansi के जावेद की Hindu धर्म में वापसी


 


राज्यवार स्थिति


राज्यवार आंकड़ों में यह देखा गया कि देश के 21 प्रमुख राज्यों में केरल की कुल आबादी में बुजुर्गों का हिस्सा सबसे ज्यादा 16.5% है,जबकि तमिलनाडु में यह 13.6, हिमाचल प्रदेश में 13.1, पंजाब में 12.6 और आंध्र प्रदेश में 12.4% हैं. वही बिहार की कुल आबादी में बुजुर्गों का हिस्सा सबसे कम 7.7% है. उत्तर प्रदेश में यह संख्या 8.1% और असम में 8.2% है.


एनएसओ की ये स्टडी साल 2000 में शुरू की गई थी. यह इस सीरीज की पांचवीं रिपोर्ट है.


LIVE TV