नई दिल्ली: उदारवादी रूख रखने वाले अलगावादी नेता मीरवाइज उमर फारूक आतंकवाद को वित्त पोषण के एक मामले में सोमवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी के समक्ष पेश हुए. अधिकारियों ने बताया कि जैसा कि एनआईए ने आश्वासन दिया था, मीरवाइज को दिल्ली हवाईअड्डा पहुंचने पर सुरक्षा मुहैया कराई गई.


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मीरवाइज ने दिल्ली स्थित एजेंसी के मुख्यालय में पेशी पर अपनी सुरक्षा को लेकर चिंता जताई थी. मीरवाइज के साथ हुर्रियत कांफ्रेंस के नेता अब्दुल गनी बट, बिलाल लोन और मौलाना अब्बास अंसारी भी पेश हुए. गौरतलब है कि 2004 में इन्हीं लोगों ने तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और गृह मंत्री लाल कृष्ण आडवाणी से कश्मीर मुद्दे का दीर्घकालिक हल निकालने के लिए भेंट की थी.


एनआईए अपनी जांच में आतंकवादी कृत्यों, सुरक्षा बलों पर पथराव, स्कूलों में आगजनी और सरकारी प्रतिष्ठानों को क्षतिग्रस्त करने वाली गतिविधियों के वित्त पोषण के पीछे खड़े पूरे तंत्र का पता लगाने का प्रयास कर रही है.


इस मामले में पाकिस्तान स्थित संगठन जमात-उद-दावा के प्रमुख हाफिज सईद के अलावा सैयद अली शाह गिलानी और मीरवाइज के नेतृत्व वाली हुर्रियत कांफ्रेंस के धड़े, हिज्बुल मुजाहिदीन और दुख्तरान-ए-मिल्लत जैसे संगठन भी आरोपी हैं..