नई दिल्ली: भारत में 15-19 साल के आयु वर्ग की शादीशुदा लड़कियों की संख्या में 2000 के बाद से 51 प्रतिशत की कमी आई है और बाल स्वास्थ्य, शिक्षा, श्रम, विवाह और हिंसा से जुड़े संकेतकों में देश के औसत प्रदर्शन में सुधार हुआ है. एक नयी रिपोर्ट में यह बात सामने आई है.


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ब्रिटेन के गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) ‘सेव द चिल्ड्रन’ द्वारा जारी वैश्विक बचपन रिपोर्ट के अनुसार भारत के बचपन सूचकांक में 137 अंकों का सुधार हुआ है और वह 632 से 769 अंकों पर पहुंच गया है. साथ ही किशोरियों द्वारा बच्चों के जन्म के मामलों में 2000 के बाद से 63 प्रतिशत और 1990 के बाद से 75 प्रतिशत की कमी आई है.


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सूचकांक के अंक बाल स्वास्थ्य, शिक्षा, श्रम, विवाह, प्रसव और हिंसा से संबंधित आठ संकेतकों में प्रदर्शन के औसत स्तर को दर्शाते हैं. भारत में 15-19 वर्ष आयु वर्ग की शादीशुदा लड़कियों की संख्या में 2000 के बाद से 51 प्रतिशत और 1990 के बाद से 63 प्रतिशत की कमी आई है.