प्रयागराज: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में रेस्टोरेंट, कैफे और अन्य स्थानों पर चल रहे हुक्का बार को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कोरोना वायरस (Coronavirus) के संक्रमण के चलते बंद करने का आदेश दिया है. ये आदेश जस्टिस शशिकांत गुप्ता और जस्टिस शमीम अहमद की खंडपीठ ने लखनऊ यूनिवर्सिटी के एलएलबी छात्र हरगोविंद पांडेय के पत्र पर जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए दिया.


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यूपी में तेजी से फैल रहा कोरोना संक्रमण
हाई कोर्ट ने कहा है कि प्रदेश में कोरोना वायरस तेजी से फैल रहा है. हर दिन कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है. हाई कोर्ट ने इसके फैलाव को रोकने के लिए मुख्य सचिव को रोड मैप तैयार करने का निर्देश दिया है और टिप्पणी भी की है कि बिना लॉकडाउन के कोई मदद नहीं मिलने वाली है.


कोर्ट ने कहा है कि लॉकडाउन और तमाम कड़े उपायों के बावजूद कोरोना जंगल की आग की तरह फैलता जा रहा है. ये मानव जीवन के अस्तित्व के लिए खतरा बन गया है. हम घने अंधेरे में जंगल के बीच खड़े हैं. कल क्या होगा, इसका पता नहीं है. अगर रेस्टोरेंट और कैफे में हुक्का बार पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया तो कोरोना सामुदायिक संक्रमण का रूप ले लेगा.


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रेस्टोरेंट और कैफे में हुक्का बार चलाने की अनुमति नहीं
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मुख्य सचिव को आदेश दिया है कि वो किसी भी रेस्टोरेंट और कैफे में हुक्का बार चलाने की अनुमति नहीं दें. कोर्ट ने मुख्य सचिव से 30 सितंबर तक इस आदेश के अनुपालन की रिपोर्ट मांगी है.


इसके अलावा महानिबंधक को आदेश की प्रति मुख्य सचिव और प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को अनुपालन के लिए भेजने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने एडवोकेट विनायक मित्तल को जनहित याचिका पर पक्ष रखने के लिए न्यायमित्र नियुक्त किया है.


गौरतलब है कि लखनऊ यूनिवर्सिटी में लॉ की पढ़ाई कर रहे छात्र हरगोविंद दुबे ने हाई कोर्ट को एक पत्र लिखा, जिसमें कहा गया था कि राज्य के लगभग हर जिले में बड़ी संख्या में हुक्का बार चल रहे हैं. हुक्का बार से कोरोना वायरस संक्रमण के तेजी से फैलने की आशंका है. अदालत ने इस पत्र का संज्ञान लेकर ये निर्णय सुनाया है.


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