`राजनीतिक बदले की भावना से काम कर रही है भाजपा`: ममता बनर्जी
न सिर्फ राजनीतिक दल उनके निशाने पर हैं बल्कि पुलिस को नियंत्रण में लेने और संस्थानों को बर्बाद करने के लिये वे सत्ता का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं. हम इसकी निंदा करते हैं.
कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रोज वैली और शारदा पोंजी घोटाला मामलों में सीबीआई की ओर से तलब किये गये कोलकाता पुलिस आयुक्त राजीव कुमार के प्रति रविवार को अपना समर्थन जताया और भाजपा नेतृत्व पर बदले की भावना वाली राजनीति करने का आरोप लगाया. मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि 'भगवा पार्टी पुलिस और अन्य संस्थानों को नियंत्रण में लेने के लिये सत्ता का गलत इस्तेमाल कर रही है.' बनर्जी ने ट्वीट किया, 'भाजपा नेतृत्व का शीर्ष स्तर राजनीतिक बदले की ओछी भावना से काम कर रहा है. न सिर्फ राजनीतिक दल उनके निशाने पर हैं बल्कि पुलिस को नियंत्रण में लेने और संस्थानों को बर्बाद करने के लिये वे सत्ता का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं. हम इसकी निंदा करते हैं.'
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केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने शनिवार को दावा किया कि कुमार 'फरार' हैं और शारदा एवं रोज वैली पोंजी घोटालों के सिलसिले में उनकी 'तलाश' की जा रही है. केंद्रीय जांच एजेंसी के अधिकारियों ने बताया कि आईपीएस अधिकारी ने इन घोटालों की जांच कर रहे पश्चिम बंगाल पुलिस के विशेष जांच दल का नेतृत्व किया था और वह एजेंसी के समक्ष पेश होने के लिये भेजे नोटिसों का जवाब नहीं दे रहे हैं. बनर्जी ने आरोप लगाया कि भाजपा कुमार के बारे में 'झूठ फैला' रही है. कुमार 1989 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं और जनवरी 2016 में उन्होंने शहर के पुलिस प्रमुख का कार्यभाल संभाला था.
बनर्जी ने कहा, 'कोलकाता पुलिस आयुक्त दुनिया में सबसे बेहतरीन अधिकारियों में शुमार हैं. उनकी सत्यनिष्ठा, बहादुरी और ईमानदारी पर सवाल नहीं उठाया जा सकता. वह चौबीसों घंटे काम करते हैं. आप झूठ फैलाते हैं, झूठ हमेशा झूठ ही रहेगा.' बहरहाल कोलकाता पुलिस की ओर से जारी बयान में सीबीआई के दावों को 'आधारहीन' बताते हुए इसे खारिज किया गया है.
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बयान के अनुसार, 'यह सब आधारहीन खबरें हैं. कृपया ध्यान दें कि सीपी (पुलिस आयुक्त) कोलकाता न सिर्फ शहर में मौजूद हैं बल्कि 31.01.2019 को छोड़कर वह नियमित रूप से दफ्तर भी आ रहे हैं, उस दिन वह छुट्टी पर थे.' इसमें बिना उचित पुष्टि के इस तरह की भ्रामक खबरें फैलाने के लिये सख्त कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी गयी है. बयान के अनुसार, 'सभी संबंधित लोग कृपया इस बात पर ध्यान दें कि अगर बिना उचित पुष्टि के इस तरह की खबरें फैलायी गयीं तो कोलकाता पुलिस सीपी कोलकाता और कोलकाता पुलिस दोनों को बदनाम करने के लिये सख्त कानूनी कार्रवाई शुरू करेगी.'